नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है और देश के खुदरा कारोबार को पिछले 100 दिनों के दौरान लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।कान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने एक बयान में कहा है कि ग्राहकों की संख्या में भारी गिरावट, कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण देश भर के कारोबारी अत्यधिक परेशान हैं, वित्तीय संकटों का सामना कर रहे हैं और वे कई वित्तीय दायित्यों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
केंद्र और राज्यों से मदद ना मिलना बड़ी वजह
बयान में कहा गया है, केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से किसी समर्थन नीति का न होना एक दूसरा कारक है, जो कारोबारियों को परेशान कर रहा है सीएआईटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने रविवार को कहा कि देश में घरेलू कारोबार मौजूदा सदी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है और यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो भारत में लगभग 20 प्रतिशत दुकानों के शटर बंद हो जाएंगे।
सिर्फ 10 फीसद उपभोक्ता दुकानों की तरफ लौटे
सीएआईटी ने देशभर से कारोबारियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर कहा है कि अनलॉक के बाद अभी तक मात्र 10 प्रतिशत उपभोक्ता दुकानों की ओर लौटे हैं, जिससे कारोबारियों के दैनिक कारोबार पर बहुत बड़ा असर पड़ा है। जानकारों का कहना है कि इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि लोगों के पास खर्च करने वाली आय की कमी हो गई है। दूसरी तरफ लोग सीधे तौर पर अब दुकानों का रुख करने से बच रहे हैं। जहां तक सरकारों की तरफ से मदद का सवाल है वो पर्याप्त तौर पर हासिल नहीं है।
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