नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 50 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते (डीए) में लंबित वृद्धि को मंजूरी दे दी। 1 जुलाई, 2021 से DA को 17% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया है। अब सरकारी कर्मचारियों को 17 फीसदी की जगह 28 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। सरकार अपने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत की भरपाई के लिए क्रमशः DA और महंगाई राहत (DR) का भुगतान करती है। इसे साल में दो बार 1 जनवरी और 1 जुलाई को संशोधित किया जाता है।
इतनी हुई बढ़ोत्तरी
हालिया वृद्धि एक बड़ी राहत इसलिए भी है क्योंकि डीए, डीआर में बढ़ोतरी पिछले साल से लंबित थी क्योंकि सरकार ने राजस्व संग्रह में नुकसान और महामारी वर्ष में सामाजिक योजनाओं की बढ़ती लागत का हवाला देते हुए इसे रोक दिया था। बुधवार को लागू और अधिसूचित की गई तीन डीए / डीआर लंबित किस्तों में 1 जनवरी, 2020 से 30 जून 2020 तक 4%, 1 जुलाई, 2020 से 31 दिसंबर, 2020 तक 3%, 1 जनवरी 2021 से 30 जून, 2021 तक 4% तक शामिल हैं। हालांकि, 1 जनवरी, 2020 और जून 2020 की अवधि के लिए DA/DR नहीं दिया जाएगा।
मूल वेतन पर प्रभाव
7वें वेतन आयोग के तहत सैलरी की गणना बेसिक सैलरी से की जाएगी। मान लीजिए कि आपकी बेसिक सैलरी (मूल वेतन) यदि 15 हजार रुपये है तो आपका डीए 28 फीसदी तक बढ़ जाएगा। इस हिसाब से देखा जाए तो 4200 रुपये होगा यानि इसमें पहले की तुलना में 1650 रुपये की बढोत्तरी होगी। यदि आपकी बेसिक सैलरी 25 हजार रुपये है तो 28 फीसदी के हिसाब से आपका महंगाई भत्ता 7 हजार रुपये होगी और इसमें 11 फीसदी इजाफे के साथ पहले की तुलना में 2750 रुपये की बढ़ोत्तरी होगी।
पीएफ, ग्रेच्युटी पर असर
डीए में वृद्धि के साथ मूल वेतन में वृद्धि होगी और मासिक भविष्य निधि (पीएफ) और कर्मचारी के ग्रेच्युटी योगदान में भी वृद्धि होगी क्योंकि ये वेतन और डीए के मूल घटक पर आधारित हैं। आपको बता दें कि केंद्र सरकार नें जनवरी 2020 के लिए DA को 4 फीसदी बढ़ाया था। 3 फीसदी 2020 में और फिर जनवरी 2021 में DA को 4 फीसदी बढाया गया था।
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