नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को एयर कैरियर स्पाइसजेट (SpiceJet) के फ्लाइट ऑपरेशंस को रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। राहुल भारद्वाज द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि एक बड़ी दुर्घटना को रोकने के लिए विमानन कंपनी को अपनी सर्विस बंद कर देनी चाहिए। इससे कई यात्रियों की जान को खतरा हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा- काम कर रहा है डीजीसीए
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ऐसे मुद्दों को देखने और उचित समझे जाने वाले किसी भी निर्णय को लेने के लिए सक्षम अथॉरिटी है। अदालत ने कहा कि डीजीसीए काम कर रहा है। जनहित याचिका और प्रेस क्लिपिंग के आधार पर अदालत किसी भी विशेष एयरलाइन को देश में परिचालन करने से नहीं रोक सकती है।
DGCA के नोटिस के बाद स्पाइसजेट के सीएमडी ने कहा- कंपनी के लिए यात्रियों की सुरक्षा है सबसे अहम
याचिकाकर्ता राहुल भारद्वाज पेशे से वकील हैं। उन्होंने अपने चार साल के बेटे के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए और अन्य को एक विशेष फास्ट ट्रैक आयोग गठित करने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की। उन्होंने इसमें स्पाइसजेट की उड़ानों के साथ हुई हालिया घटनाओं का हवाला दिया।
आरोप लगाया गया है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने पिछले तीन महीनों में सात घटनाओं का जिक्र किया और कई घटनाओं के बावजूद एयरलाइन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। यह यात्रियों के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का उल्लंघन है। वहीं, अदालत ने कहा है कि डीजीसीए ने कार्रवाई शुरू कर दी है और इस मामले में डीजीसीए आगे बढ़ने के लिए स्वतंत्र है। याचिका में 1 मई को मुंबई-दुगार्पुर उड़ान में 12 यात्रियों के घायल होने के साथ कई घटनाओं का हवाला दिया गया।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।