Delhi Mumbai Expressway: हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का 'टोल रेवेन्यू' देगा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 

Delhi Mumbai Expressway Revenue: नितिन गडकरी ने कहा, 'एक बार दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परिचालन में आने और जनता के लिए खोले जाने के बाद केंद्र को हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का पथकर राजस्व देगा।'

Delhi Mumbai Expressway
गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा के लिए हाल में एक लंबी यात्रा पूरी की है 
मुख्य बातें
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है
  • 8 लेन का यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से होकर जाएगा
  • इसका निर्माण 'भारतमाला परियोजना' के पहले चरण के तहत किया जा रहा है

नयी दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे परिचालन (Delhi Mumbai Expressway) में आने के बाद केंद्र को हर महीने 1,000 से 1,500 करोड़ रुपये का पथकर (TOLL) राजस्व देगा। इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेसवे के 2023 में परिचालन में आने की उम्मीद है।

गडकरी ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को 'सोने की खान' करार दिया। गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे की प्रगति की समीक्षा के लिए हाल में एक लंबी यात्रा पूरी की है।उन्होंने रविवार को यहां कहा कि अगले पांच साल में एनएचएआई की सालाना टोल आय बढ़कर 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। अभी यह 40,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अलावा चार राज्यों से होकर गुजरेगा। सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि देश का राष्ट्रीय राजमार्ग ढांचा विश्वस्तरीय सफलता की कहानी है। 

निर्माण मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण मार्च, 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसका निर्माण 'भारतमाला परियोजना' के पहले चरण के तहत किया जा रहा है।आठ लेन का यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात से होकर जाएगा। इससे राष्ट्रीय राजधानी से देश की वित्तीय राजधानी के बीच यात्रा का समय मौजूदा के 24 घंटे से घटकर आधा यानी 12 घंटे रह जाएगा।

नोडल एजेंसी को 'ट्रिपल ए' की रेटिंग मिली

इन चिंताओं के बीच कि एनएचएआई के ऊपर काफी ऊंचा कर्ज का बोझ है, गडकरी ने कहा कि नोडल एजेंसी को 'ट्रिपल ए' की रेटिंग मिली और उसकी सभी सड़क परियोजनाएं उत्पादक हैं।उन्होंने कहा कि एनएचएआई कर्ज के जाल में नहीं है। यह एक सोने की खान है। अगले पांच साल में एनएचएआई की टोल आय सालाना 1.40 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। यह अभी 40,000 करोड़ रुपये है।

मार्च में विभाग से संबंधित परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति ने एनएचएआई पर 97,115 करोड़ रुपये की कर देनदारी को लेकर चिंता जताई थी। हाल में मंत्री ने राज्यसभा को बताया था कि एनएचएआई का कुल कर्ज इस साल मार्च के अंत तक बढ़कर 3,06,704 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। यह मार्च, 2017 के अंत तक 74,742 करोड़ रुपये था।

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