Delhi Riots: फेसबुक इंडिया (Facebook India) के पब्लिक पॉलिसी निदेशक, शिवनाथ ठुकराल और निदेशक (Legal) जीवी आनंद भूषण दिल्ली दंगों (Delhi riots) के मामले में 18 नवंबर को दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति (Committee on Peace and Harmony) के समक्ष पेश होंगे। दिल्ली विधानसभा की समिति ने 27 अक्टूबर को फेसबुक इंडिया को पेश होने के लिए समन जारी किया था, जिसके बाद कंपनी ने 14 दिनों का वक्त मांगा था।
दिल्ली विधानसभा पैनल ने अपने समन में कहा था कि, 'दिल्ली के एनसीटी में फेसबुक के लाखों यूजर्स हैं। ऐसे में समिति ने फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनने का फैसला किया।' समिति का मानना है कि सोशल मीडिया की झूठे और दुर्भावनापूर्ण संदेशों के प्रसार को रोकने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। इस समिति का गठन नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बाद पूर्वोत्तर दिल्ली में हुए दंगों के बाद किया गया था। लोगों का मानना है कि सोशल मीडिया, मुख्य रूप से फेसबुक पर कई वायरल पोस्ट ने आग में घी का काम किया था।
पत्रकार, पूर्व ब्यूरोक्रेट्स की हो चुकी है पेशी
समिति ने लेटर में लिखा था कि, 'समिति देखना चाहती है कि सोशल मीडिया कंपनी कि सोसाइटी में झूठे और भ्रम फैलाने वाले मैसेज व वीडियो को रोकने में क्या भूमिका है।' मालूम हो कि इन दंगों को लेकर समिति के समक्ष अब तक पत्रकार, पूर्व ब्यूरोक्रेट्स और कम्युनिटी लीडर्स पेश हो चुके हैं।
फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष को भी भेजा गया था समन
दिल्ली विधानसभा ने दंगों से संबंधित एक मामले में फेसबुक इंडिया के उपाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक अजित मोहन को फरवरी में पेश होने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके बाद फेसबुक इंडिया ने समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत ने याचिका को खारिज किया था और साथ ही कहा था कि दिल्ली विधानसभा और उसकी समिति के पास बाहरी लोगों को पेशी के लिए समन जारी करने का अधिकार है।
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