नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) ने शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशन चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) को साल 2009 और 2017 के बीच एनएसई कर्मचारियों के फोन टैपिंग से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। रिमांड खत्म होने के बाद चित्रा को कोर्ट में पेश किया गया।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर भी गिरफ्तार
इस मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे (Sanjay Pandey) को भी गिरफ्तार किया गया था। मौजूदा समय में वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) के नौ दिनों के कस्टडी रिमांड पर है। ईडी ने दावा किया है कि पांडे को रामकृष्ण की मदद के लिए एमटीएनएल लाइन को टैप करने के लिए 4.54 करोड़ रुपये मिले। ईडी ने कहा था कि, 'मामले में शेल कंपनियां हैं। हम जानना चाहते हैं कि पूरे ऑपरेशन को कौन संभाल रहा था।'
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वहीं पांडे ने कहा कि उन्होंने फोन लाइनों को टैप किया लेकिन कुछ भी अवैध नहीं किया। उन्होंने कहा कि टैपिंग के लिए सभी उपकरण एनएसई द्वारा उपलब्ध कराए गए थे। इस संबंध में पांडे का रामकृष्ण से आमना-सामना भी हुआ। दो मौकों पर ईडी ने रामकृष्ण से हिरासत में पूछताछ की थी।
क्या है पूरा मामला?
चित्रा रामकृष्ण को 1 अप्रैल 2013 को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एमडी नियुक्त किया गया था। गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी करने से जुड़े धनशोधन मामले में चित्रा हिरासत में है।
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को-लोकेशन घोटाले के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छह मार्च को रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। चित्रा पर एनएसई के कामकाज में अनियमितताओं के आरोप हैं। मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय भी कर रही है।
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