नई दिल्ली। भीषण गर्मी से दिल्ली वाले परेशान है। सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गर्मी के बीच राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की मांग भी बढ़ गई है। सोमवार को बिजली की अधिकतम मांग बढ़कर 6,194 मेगावॉट हो गई। यह आंकड़ा मई के पहले हफ्ते में अब तक का सबसे अधिक है।
एक दिन पहले 6,048 मेगावॉट थी बिजली की मांग
इससे पिछले महीने की बात करें, तो अप्रैल में बिजली की मांग पहली बार 6,000 मेगावॉट से भी ज्यादा हो गई थी। भीषण गर्मी के बीच अप्रैल के आखिरी हफ्ते में यह आंकड़ा कई दिन 6,000 मेगावॉट से ज्यादा था। दिल्ली के रीयलटाइम डेटा, स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के मुताबिक सोमवार को दिल्ली की अधिकतम मांग 6,194 मेगावॉट थी। जबकि एक दिन पहले यह 6,048 मेगावॉट थी।
दिल्ली सरकार को आपूर्ति बाधित होने की आशंका
इस संदर्भ में बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि, 'इससे पहले मई के पहले हफ्ते में पिछली अधिकतम मांग 2 मई 2019 को 5,808 मेगावॉट दर्ज की गई थी।' केजरीवाल सरकार ने कोयले की कमी का दावा किया और साथ ही आपूर्ति बाधित होने की आशंका भी जताई है। वहीं केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली में डिस्कॉम को उनकी जरूरत के मुताबिक बिजली मुहैया होगी।
दिल्ली में तीन बिजली वितरण कंपनियां
मालूम हो कि दिल्ली में तीन बिजली वितरण कंपनियां हैं- टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (TPDDL), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) और बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (BYPL) इन कंपनियों ने गर्मी में आपूर्ति के अपने क्षेत्रों में बिजली की मांग में पर्याप्त वृद्धि का अनुमान जताया।
हाल ही में केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आश्वासन दिया था कि कोयले को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है।
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