DGCA ने उठाया बड़ा कदम, भारत में पहली बार साइकोएक्टिव पदार्थ के लिए पॉजिटिव पाया गया ट्रैफिक कंट्रोलर

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Aug 22, 2022 | 10:03 IST

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने उल्लेख किया है कि दुनिया भर में साइकोएक्टिव पदार्थों के उपयोग का प्रसार, उनकी सामान्य उपलब्धता और यूजर्स की बढ़ती संख्या विमानन सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है।

DGCA action Air Traffic Controller at Delhi airport tested positive for psychoactive substance
DGCA का सख्त कदम: ट्रैफिक कंट्रोलर को ड्यूटी से हटाया (Pic: iStock) 

नई दिल्ली। दिल्ली हवाई अड्डे पर एक एयर ट्राफिक कंट्रोलर साइकोएक्टिव पदार्थ के लिए पॉजिटिव पाया गया, जिसके बाद उसे नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने ड्यूटी से हटा दिया। सूत्रों ने बताया कि जनवरी 2022 में साइकोएक्टिव पदार्थों के लिए फ्लाइट क्रू और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) के परीक्षण के नियम लागू होने के बाद देश में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर का साइकोएक्टिव पदार्थ के लिए सकारात्मक परीक्षण का यह पहला मामला है। सूत्रों के अनुसार इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (IGIA) पर तैनात एक एटीसी का ड्रग परीक्षण किया गया।

सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि 18 अगस्त को मिली पुष्टि जांच रिपोर्ट में व्यक्ति सकारात्मक पाया गया और उसे एटीसी ड्यूटी से हटा दिया गया है। साइकोएक्टिव पदार्थों के सेवन के लिए विमानन कर्मियों की जांच की प्रक्रिया की जानकारी देने वाली सिविल एविएशन आवश्यकता (CAR) 31 जनवरी से लागू हुई। यह टेस्ट क्रू मेंबर और एटीसी के लिए रैंडम बेसिस पर किया जाता है।

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परीक्षण में पॉजिटिव पाए जाने पर क्या होगा? 
सूत्रों ने कहा कि जब से नियम लागू किए गए हैं, विभिन्न एयरलाइनों के तीन पायलट परीक्षण के बाद सकारात्मक पाए गए हैं और डीजीसीए नियमों के प्रावधानों के अनुसार यह मामला निपटाया जा रहा है। सीएआर के अनुसार, अगर परीक्षण में पहली बार कोई पॉजिटिव आता है, तो संबंधित कर्मियों को नशामुक्ति करने के लिए संबंधित संगठन द्वारा उसे नशामुक्ति केंद्र में भेजा जाएगा।

अगर वही कर्मी परीक्षण में दूसरी बार पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसका लाइसेंस तीन साल की अवधि के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। वहीं अगर तीसरी बार उल्लंघन होता है, तो कर्मियों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किए गए एक अध्ययन और फरवरी 2019 में प्रकाशित रिपोर्ट का हवाला देते हुए, DGCA ने कहा कि शराब के बाद भारत में भांग और Opioids आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले साइकोएक्टिव पदार्थ हैं।

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