नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद अगर किसी तरह का रिफंड रहता है तो यह भी उम्मीद होती है कि वो मिल जाएगी। अगर आपको रिफंड नहीं मिला है तो उसके पीछे कई तरह की वजहें हो सकती हैं। जिसे समझना जरूरी है। आम तौर पर सीपीसी में आईटीआर की प्रोसेसिंग के बाद रिफंड मिल ही जाता है। लेकिन अगर रिफंड के क्रेडिट होने में देरी हो रही है तो कुछ ना कुछ खामी जरूर है जिसे समझना जरूरी है। कर निर्धारण वर्ष 2020-21 का इनकम टैक्स रिटर्न CPC 2.0 के जरिए प्रोसेस किया जा रहा है, और देरी के लिये यह जिम्मेदार हो सकती है।
रिफंड में मिलने में देरी?
कोविड-19 की वजह से विभाग के कामकाज में दिक्कत आ रही है। आईटीआर में प्रोसेसिंग को तेज करने के लिए सॉफ्टवेयर को अपग्रेड किया जा रहा है। और इस वजह से इनकम टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है।
रिफंड में देरी की ये भी वजहें
अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय गलत या अधूरी जानकारी दी है तो रिफंड मिलने में देर हो सकती है। बैंक IFSC कोड देने में गलती है या बैंक अकाउंट नंबर गलत भरा है तो रिफंड मिलने में देरी की बड़ी वजह हो सकती है। ई बार जरूरी दस्तावेज ना देने से भी रिफंड मिलने में परेशानी आती है। आईटीआर भरने की आखिरी तारीख के बाद रिफंड में मिलने में देरी होती है तो टैक्स डिपार्टमेंट आपको 6 फीसदी की दर से ब्याज देता है।
100 रुपये से कम है रिफंड तो रकम खाते में नहीं होगी क्रेडिट
इनकम टैक्स रिफंड की रकम 100 रुपये से कम होने पर रिफंड बैंक खाते में क्रेडिट नहीं होता है। यह रकम भविष्य में इनकम टैक्स रिफंड की राशि में एडजस्ट की जाती है। आईटीआर फाइल करने से पहले देय टैक्स की रकम 100 रुपये से कम है तो इसे अदा कर देना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आईटीआर फाइल नहीं हो पाता है।
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