केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने स्थायी खाता संख्या (PAN) और आधार को लिंक करने की समय सीमा को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दिया है। अधिकांश टैक्सपेयर्स ने पहले ही दोनों आईडी को लिंक कर दिया है हालांकि अब काफी संख्या में बचे हुए हैं। सरकार ने इन दोनों दस्तावेजों को लिंक करने में विफल रहने वालों पर 1,000 रुपए का जुर्माना लगाने की बात कही है। धारा 234H के सम्मिलन के साथ इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 में एक संशोधन यह कहता है कि आधार और पैन कार्ड को लिंक करने में विफल रहने पर 1,000 रुपए का विलंब शुल्क लगाया जाएगा। सरकार ने 23 मार्च को वित्त विधेयक, 2021 में संशोधन पेश किया था। धारा के तहत जुर्माने की राशि सरकार द्वारा तय की जाएगी जो 1,000 रुपए से अधिक नहीं होगी। यह 1 अप्रैल, 2021 को लागू हुआ, जिसमें नए बजट प्रस्ताव लागू किए गए। यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि टैक्सपेयर्स वित्तीय लेनदेन का संचालन नहीं कर पाएंगे, जहां पैन अनिवार्य है।
सरकार ने पैन और आधार को लिंक करने की समय सीमा कई बार बढ़ा दी है। अंतिम सरकारी अधिसूचना के अनुसार, अंतिम तिथि को जोड़ने वाले पैन कार्ड-आधार कार्ड को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया गया था। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए पैन और आधार को लिंक करने की अंतिम समय सीमा बढ़ाकर 30 जून, 2021 कर दी गई है।।
इन दोनों दस्तावेजों को जोड़ने से सरकार डुप्लिकेट पैन के खतरे से दूर हो जाएगी। यह सरकार को संस्थाओं और व्यक्तियों द्वारा संदिग्ध वित्तीय लेनदेन का पता लगाने और टैक्स सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाने में मदद करेगा। यह भी इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए अनिवार्य किया गया है। सरकार ने इसे कुछ साल पहले ऐसा ही अनिवार्य किया है और यहां तक कि सभी मानदंडों को नए मानदंडों के अनुपालन के लिए पर्याप्त समय देने के लिए कई बार समय सीमा भी बढ़ा दी है।
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