नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पीएम केयर्स फंड में आई दान राशि को राष्ट्रीय आपदा मोचन फंड (एनडीआरएफ) में ट्रांसफर का आदेश देने से इनकार कर दिया। केंद्र सरकार ने 28 मार्च को आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत (पीएम केयर्स) फंड की स्थापना की थी। जिसका प्राथमिक उद्देश्य कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुए मौजूदा परिस्थिति से निपटना और प्रभावितों को राहत पहुंचाना था। इस फंड का प्रधानमंत्री पदेन अध्यक्ष बनाए गए हैं और रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री पदेन ट्रस्टी हैं। जब से पीएम केयर्स फंड की स्थापना हुई तब से विपक्षी पार्टियां मांग कर रही हैं कि पीएम केयर्स फंड का एनडीआरएफ फंड में ट्रांसफर किया जाए। देश में पहले से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बना हुआ है। आइए जानते हैं पीएम केयर फंड (PM Care Fund) और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (Prime Minister National Relief Fund) के बीच अंतर है।
भारत में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय राहत कोष 1948 में स्थापित किया गया था। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष की स्थापना जनवरी 1948 में पूर्व और दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य देश के विभाजन के दौरान पाकिस्तान के विस्थापित लोगों की मदद करना था। वर्तमान में, इस पूल में एकत्रित धन का उपयोग भूकंप, चक्रवात, बाढ़, सुनामी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को और बड़ी दुर्घटनाओं और सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इस फंड का इस्तेमाल किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट सर्जरी, एसिड अटैक और जरूरतमंद लोगों के कैंसर के इलाज के लिए भी किया जाता है। इस फंड की सबसे अच्छी खासियत यह है कि इसका हर साल ऑडिट किया जाता है। वार्षिक लेखा परीक्षा में देश के प्रत्येक नागरिक को धन की वित्तीय स्थिति की स्पष्ट तस्वीर मिलती है।
पीएम केयर फंड की स्थापना वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 27 मार्च 2020 को की गई है। इसकी स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य भारत में COVID-19 महामारी से निपटने के लिए वित्त की व्यवस्था करना है। पीएम केयर फंड का पूर्ण रूप प्रधानमंत्री की नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति निधि में राहत है। अपनी स्थापना के बाद से पीएम केयर्स फंड का कोई ऑडिट नहीं होने से इसकी आलोचना हो रही है। लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण, केंद्र सरकार ने एक लेखा परीक्षक नियुक्त किया है।
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