नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे ने भारत में ड्राई फ्रूट्स का बाजार बिगाड़ दिया है। दोनों देश से आयात-निर्यात ठप होने से किशमिश, बादाम, बादाम गिरी, अंजीर, केसर जैसे ड्राई फ्रूट्स महंगे हो गए हैं। सभी चीजों के दामों में 20-30 फीसदी की तेजी आ गई है। यही नहीं अगर हालात जल्द नहीं सुधरे तो त्योहारी सीजन में कीमतें और भी ज्यादा बढ़ सकती है। क्योंकि देश के करीब 85 फीसदी ड्राई फ्रूट्स अफगानिस्तान से आयात किए जाते हैं।
किन चीजों का भारत करता है आयात
अफगानिस्तान से भारत हर साल किशमिश, बादाम, केसर, हींग, अंजीर, बादाम गिरी, पिस्ता आदि का आयात करता है। साल 2020-21 में भारत ने करीब 2400 करोड़ रुपये के ड्राई फ्रूट्स का आयात किया था। एक तरफ भारत में जहां त्योहारी सीजन नजदीक है। वहीं अफगानिस्तान में नई फसल तैयार है। ऐसे में भारत एक बड़ा बाजार है। अफगानिस्तान से भारत में ज्यादातर आयात समुद्र के रास्ते होता है। जो कि चाबहार बंदरगाह से होते हुए भारत पहुंचता है। लेकिन अब अफगानिस्तान से सारे रास्ते बंद हैं। जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, तब तक असमंजस बना रहेगा।
कितने बढ़े दाम
दिल्ली किराना कमेटी के पूर्व अध्यक्ष प्रेम अरोड़ा का कहना है "हालात लगातार खराब हो रहे हैं। सप्लाई पूरी तरह से बंद है। अगर कुछ दिनों में चीजें सामान्य नहीं हुई तो कीमतें कहीं ज्यादा बढ़ जाएंगी। वहीं दिल्ली की खारी बावली स्थित नवीन मंगला ड्राई फ्रूट के अनुसार जब से तालिबान ने वहां पर कब्जा किया है। कीमतें बढ़नी शुरू हो गई हैं। अब तक 15-20 फीसदी दाम बढ़ चुके हैं। अफगानिस्तान से आपूर्ति रु कने से बादाम, पिस्ता, किशमिश, अंजीर सभी के दाम बढ़ गए हैं। पूरी तरह से बिजनेस ठप है, क्योंकि यही नहीं पता कि किसे पेमेंट करना है कौन सप्लाई करेगा। सब कुछ अंधेरे में है।
पिस्ता 1500 1900
बादाम 700-800 900
किशमिश 350 600
अंजीर 800 1000
केसर 30000 35000
नोट- सभी कीमतें प्रति किलो के हिसाब से रुपये में हैं
सितंबर में आएगी नई फसल
चिंता यह भी है कि जो सितंबर में नई फसल आएगी, उसका बड़ा खरीदार भारत होता है। इस समय यहां त्योहारी सीजन आने लगता है। अगर उसकी सप्लाई नहीं हुई तो किल्लत शुरू हो सकती है। हालांकि कई बार दूसरे रास्तों से आपूर्ति की जाती है। ऐसे में यह भी हो सकता है कि दूसरे रास्ते खुल जाए। लेकिन इसका बोझ आम आदमी पर ही पड़ेगा।
चाबहार बंदरगाह पर भी पड़ेगा असर
भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह का निर्माण प्रमुख रुप से मध्य एशिया में बिजनेस आसान करने और पाकिस्तान के रास्ते से निर्भरता कम करने के लिए किया है। जिसमें उसका सबसे बड़ा उपभोक्ता अफगानिस्तान बनने वाला था। पिछले साल अफगानिस्तान में सूखा पड़ने पर इसी रास्ते से भारत ने उसे 75 हजार टन गेहूं की मदद भेजी थी। इसके अलावा भारत दवाइयां, चीनी, अपैरल, काफी, मसाले, ट्रांसमिशन टॉवर आदि वस्तुओं का निर्यात करता है। साल 2021 में करीब 835 मिलियन डॉलर का भारत से अफगानिस्तान को निर्यात किया गया है।
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