नई दिल्ली। आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में घोषित "आत्मनिर्भर भारत" आर्थिक पैकेज के कारण भारत की आर्थिक सुधार को गति मिली है।सितंबर 2020 के लिए 'मासिक आर्थिक समीक्षा' ने उबरती अर्थव्यवस्था दिखाने के लिए 2020-21 के लिए खरीफ खाद्यान्न उत्पादन में अनुमानित वृद्धि का हवाला दिया। आत्मनिर्भर भारत (एबी) पैकेज के कार्यान्वयन और अर्थव्यवस्था के अनलॉक होने से यह सुनिश्चित हो गया है कि भारत में आर्थिक सुधार ने गति प्राप्त कर ली है। यह कृषि में 2020-21 में खरीफ खाद्यान्न के उत्पादन के साथ देखा गया है जो पिछले वर्ष के स्तर से आगे बढ़ने का अनुमान है।
इसने उल्लेख किया कि ग्रामीण क्षेत्र में मांग की वृद्धि अगस्त में पिछले वर्ष के स्तर तक पहुँचने या पार करने वाले ट्रैक्टर बिक्री के साथ दो पहिया, तीन पहिया और यात्री वाहनों के पंजीकरण में परिलक्षित होती है।सितंबर 2019 की तुलना में ऑटोमोबाइल की बिक्री में पिछले महीने बड़े पैमाने पर सुधार दर्ज किया गया, जिसका एक प्रमुख कारण वर्ष के दौरान कम आधार - कम बिक्री रहा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वैश्विक गतिविधि के साथ अन्य उच्च आवृत्ति संकेतक भी सिंक में सुधार हुए हैं। वैश्विक मांग में बढ़ोतरी के कारण सितंबर में भारत के निर्यात में योइ आधार पर 5.3 प्रतिशत का विस्तार हुआ है।अगस्त और मार्च के शुरुआती महीनों में मार्च के बाद पहली बार साल-दर-साल के विकास में रेल भाड़ा में राजस्व आय में वृद्धि हुई है।डीईए की रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतर-राज्य आंदोलन प्रतिबंधों में ढील, संगरोध नीति और ताला खोलने के साथ-साथ रेल यात्री आय में भी सुधार हुआ है।
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