नई दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी की वजह से चरमराई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार (16 सितंबर) को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार पूरी रफ्तार में नहीं पहुचा है, यह धीरे-धीरे होगा। RBI की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में नकदी की उपलब्धता से सरकार के लिए कम दर पर और बिना किसी परेशानी के बड़े पैमाने पर उधारी सुनिश्चित हुई है। अर्थव्यवस्था के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी रिजर्व बैंक उसके लिए पूरी तरह तैयार है। शिक्षा का आर्थिक विकास में योगदान रहता है, ऐसे में नई शिक्षा नीति ऐतिहासिक है और नए युग के सुधारों के लिए जरूरी है। अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में प्राइवेट सेक्टर को रिसर्च, इनोवेशन, पर्यटन, फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। पर्यटन सेक्टर आर्थिक वृद्धि का इंजन बन सकता है। इस सेक्टर में बड़े पैमाने पर दबी मांग हैं जिसका लाभ उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी की कमजोरी चिंता का विषय है और नियमन के मामले में वे अभी भी बैंकों के समान स्तर पर नहीं हैं।
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