Edible Oil rates : देशी तेलों पर सस्ते आयातित तेलों की मार, सुस्त पड़ा घरेलू तेल उद्योग

बिजनेस
भाषा
Updated Jul 14, 2020 | 21:44 IST

Oil Oilseed Price : घरेलू तेलों के मुकाबाले सस्ता पड़ने से निकट भविष्य में सोयाबीन डीगम और पाम तेल का आयात तेजी से बढ़ने की संभावना है। विदेशों में इनके उत्पादन में भारी वृद्धि होने की भी संभावना है।

Edible Oil rates : Domestic oil industry sluggish due to cheap imported oil hitting native oils
देशी तेलों पर सस्ते आयातित तेलों की मार 
मुख्य बातें
  • विदेशों से पाम तेल, सोयाबीन डीगम जैसे सस्ते तेलों का आयात बढ़ा
  • सरसों, मूंगफली और सोयाबीन, मूंगफली तेल जैसे घरेलू तेल तिलहनों में गिरावट हुई
  • सरसों किसानों द्वारा सस्ते कीमत पर अपनी ऊपज को नहीं बेचने से सरसों दाना, सरसों दादरी, सरसों पक्की एवं कच्ची घानी तेल कीमतें पूर्वस्तर पर टिकीं हुई हैं

Edible Oil Prices : विदेशों से पाम तेल के अलावा सोयाबीन डीगम जैसे सस्ते तेलों का आयात बढ़ने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में मंगलवार को सरसों, मूंगफली और सोयाबीन (तिलहन फसल) के अलावा मूंगफली तेल जैसे घरेलू तेल तिलहनों में गिरावट दर्ज हुई। वहीं स्थानीय मंडी और विदेशों में मांग बढ़ने से आयातित सोयाबीन और पाम तेल कीमतों में सुधार रहा।

बाजार सूत्रों ने कहा कि सरसों किसानों द्वारा सस्ते कीमत पर अपनी ऊपज को नहीं बेचने से सरसों दाना, सरसों दादरी, सरसों पक्की एवं कच्ची घानी तेल कीमतें पूर्वस्तर पर टिकीं हुई हैं। वहीं घरेलू तेल के मुकाबले सस्ता पड़ने से कच्चा पॉम तेल, पामोलीन, सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल में सुधार दर्ज किया गया।

उन्होंने कहा कि वायदा कारोबार में सोयाबीन के अक्टूबर डिलीवरी वाले अनुबंध का भाव 3,620 रुपये क्विन्टल (वारदाना एवं मंडी शुल्क व अन्य खर्चे समेत) चल रहा है जबकि इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3,880 रुपये क्विन्टल (सारे खर्च अलग से) तय किया गया है। हाजिर मंडी में इसका भाव एमएसपी से लगभग सात प्रतिशत नीचे चल रहा है।

घरेलू तेलों के मुकाबाले सस्ता पड़ने से निकट भविष्य में सोयाबीन डीगम और पाम तेल का आयात तेजी से बढ़ने की संभावना है। विदेशों में इनके उत्पादन में भारी वृद्धि होने की भी संभावना है। ऐसे में घरेलू तेल तिलहन उद्योग के समक्ष संकट खड़ा हो सकता है। किसानों को बढ़ा हुआ समर्थन मूल्य मिलना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता पर भी सवाल उठ सकते हैं।

मंगलवार को बंद भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 4,640- 4,690 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली दाना - 4,800 - 4,850 रुपये।
वनस्पति घी- 965 - 1,070 रुपये प्रति टिन।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,090 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 1,925 - 1,975 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 9,580 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,530 - 1,670 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,625 - 1,745 रुपये प्रति टिन।
तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 8,900 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 8,760 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम- 7,810 रुपये।
सीपीओ एक्स-कांडला- 6,950 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 7,800 रुपये।
पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 8,400 रुपये।
पामोलीन कांडला- 7,700 रुपये (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन तिलहन डिलिवरी भाव 3,690- 3,715 लूज में 3,425-3,490 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये

व्यापारिक सूत्रों का कहना है कि सरकार को किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य उपलब्ध कराने और घरेलू तेल तिलहन उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाये रखने के लिये खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को बढ़ाकर संतुलन बिठाना चाहिये। सोयाबीन की नई फसल भी आने वाली है और पिछला स्टॉक भी बचा है ऊपर से आयात भी बढ़ रहा है ऐसे में घरेलू उत्पादकों को भारी नुकसान की आशंका परेशान किये हुये है।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर