नई दिल्ली : अखिल भारतीय बिजली इंजीनियर्स संघ (एआईपीईएफ) ने शुक्रवार को कहा कि बिजली इंजीनियर विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में वह 18 अगस्त को विरोध दिवस मनाएगा। एआईपीईएफ के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि बिजली क्षेत्र के इंजीनियर विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2020 को वापस लेने और केंद्र शासित प्रदेशों, यूपी पूर्वांचल (वाराणसी) और ओडिशा (सीईएसयू) में बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के विरोध में 18 अगस्त को देशव्यापी प्रदर्शन करेंगे।
संघ ने एक बयान में कहा कि बिजली कर्मचारी और इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति की ऑनलाइन बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। यह बैठक अखिल भारतीय बिजली कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मोहन शर्मा की अगुवाई में चार अगस्त को हुई।
बिजली मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में मसौदा बिजली संशोधन विधेयक, 2020 पर लोगों की प्रतिक्रिया मांगी थी। इसके अलावा सरकार ने केंद्र शासित प्रदेशों और कुछ राज्यों में डिस्कॉम के निजीकरण का फैसला भी किया।
गुप्ता ने कहा कि बिजली मंत्रालय तीन जुलाई को आयोजित बिजली मंत्रियों के सम्मेलन में 11 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को मनाने में विफल रहा।
उन्होंने कहा कि बिजली मंत्रालय को विधेयक का संशोधित मसौदा तैयार करना था, लेकिन एक महीने बाद भी सरकार निजीकरण की अपनी योजना को आगे बढ़ा रही है।
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