Excise Duty Cuts: पेट्रोल और डीजल (Petrol-Diesel) पर एक्साइज ड्यूटी (Excise Duty) में कटौती से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। लेकिन सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने (Exchequer) पर काफी असर पड़ेगा। एक विदेशी ब्रोकरेज के अनुसार, ईंधन पर उत्पाद शुल्क में कटौती से 45,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इससे केंद्र का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) 0.3 फीसदी बढ़ जाएगा।
पूरे वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे पर एक लाख करोड़ रुपये का असर
जापानी ब्रोकरेज नोमुरा (Nomura) के अर्थशास्त्रियों ने एक रिपोर्ट में कहा कि कुल खपत के हिसाब से पूरे वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे पर एक लाख करोड़ रुपये का असर पड़ेगा। यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.45 फीसदी होगा। वहीं चालू वित्त वर्ष 2022 के शेष महीनों के लिए, लागत 45,000 करोड़ रुपये आएगी।
बुधवार को केंद्र ने जनता को दी थी राहत
ब्रोकरेज ने कहा कि अब उसे उम्मीद है कि राजकोषीय घाटा 6.5 फीसदी पर आ जाएगा, जबकि पहले उम्मीद थी कि यह 6.2 फीसदी होगा। यह अभी भी बजट के 6.8 फीसदी के लक्ष्य से कम रहेगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को दिवाली (Diwali) के मौके पर जनता को राहत देते हुए पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की थी।
मुद्रास्फीति पर भी होगा असर
कर कटौती (Tax Cuts) से प्रत्यक्ष प्रभाव के कारण सीपीआई मुद्रास्फीति (CPI inflation) 0.14 फीसदी अंक और अप्रत्यक्ष प्रभाव शामिल होने पर 0.3 फीसदी अंक तक कम होनी चाहिए। राजनीतिक रूप से, उच्च मुद्रास्फीति मतदाताओं के दिमाग में शीर्ष चिंताओं में से एक बनी हुई है। आगे ब्रोकरेज ने कहा कि इस कदम से खपत पर भी असर पड़ेगा। ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 22 के लिए अपनी 9.2 फीसदी वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि को बनाए रखा।
आज नहीं बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
मालूम हो कि आज सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel Price Today) के दाम में बदलाव नहीं किया है। दिल्ली में आज पेट्रोल का दाम (Petrol Price) 103.97 रुपये प्रति लीटर है, वहीं डीजल की कीमत (Diesel Price) 86.67 रुपये प्रति लीटर है।
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