लंदन : भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) की जमानत याचिका ब्रिटेन की अदालत ने एक बार फिर खारिज कर दी है। नीरव मोदी भारत में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से दो अरब डॉलर (14 हजार करोड़ रुपए से अधिक) के लोन की धोखाधड़ी और मनी-लॉन्ड्रिंग (money-laundering) के मामले का आरोपी है और उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। उसने अपने प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ बिटेन की अदालत में चुनौती दी थी। नीरव मोदी इस समय दक्षिण पश्चिम लंदन की जेल में बंद है। यह मामला भारत की दो जांच एजेंसियों केंद्रीय जांच ब्यूरो और सतर्कता निदेशालय ने दायर किया था। आरोप है कि मोदी ने भारतीय बैंक के फर्जी सहमति-पत्र दिखा कर बैंकों से लोन लिए और उस धन की हेरा फेरी की।
इस महीने की शुरुआत में, ब्रिटेन की अदालत ने चल रही प्रत्यर्पण की सुनवाई को 3 नवंबर तक बढ़ा दिया था। पिछले महीने, मोदी के कानूनी वकील ने यूके कोर्ट को बताया कि मामले का राजनीतिकरण होने के कारण नीरव मोदी की भारत में निष्पक्ष सुनवाई होने की संभावना नहीं है और वह भारतीय जेलों में पर्याप्त मेडिकल सुविधाओं की कमी के कारण 'आत्महत्या के हाई रिस्क' का सामना कर सकते हैं।
लंदन की पुलिस ने 19 मार्च को नीरव मोदी को गिरफ्तार किया था और उसके बाद से वह लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है।इंटरपोल ने नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके तहत 192 देशों को कहा गया था अगर नीरव मोदी उनके यहां है तो उसे गिरफ्तार कर भारत प्रत्यर्पण किया जाए।
वर्ष 2018 में पीएनबी घोटाले के सामने आने से कुछ महीने पहले ही वह भारत से फरार हो गया था। नीरव मोदी का नाम फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में भी आ चुका है।वर्ष 2013 में नीरव मोदी का नाम पहली बार फोर्ब्स लिस्ट में आया था।
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