किसान सम्मान निधि समेत कई मामले में बैंकों की धोखाधड़ी के खिलाफ किसानों का आमरण अनशन

बिजनेस
भाषा
Updated Oct 20, 2020 | 11:17 IST

बुंदेलखंड में बैंकों की कथित धोखाधड़ी से परेशान किसानों ने अनशन शुरू कर दिया। फसलों का भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि में फ्रॉड का आरोप है।

Farmers' death Strike against bank fraud in many cases including Kisan Samman Nidhi
किसानों का आमरण अनशन 

बांदा : बुंदेलखंड में बैंकों की कथित धोखाधड़ी से परेशान किसानों ने सोमवार से बांदा जिला मुख्यालय में आमरण अनशन शुरू कर दिया। इस आंदोलन की अगुवाई बुंदेलखंड किसान यूनियन कर रहा है। बुंदेलखंड किसान यूनियन का आरोप है कि बैंकों ने किसानों की फसलों के भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि जैसी कई मदों की धनराशि का स्थानांतकरण कर ऋण की वसूली की है। हालांकि पुलिस के मुताबिक इस सिलसिले में किसानों की शिकायत की जांच साइबर अपराध शाखा से करायी गई है। इसमें उनके आरोप सही नहीं पाये गए हैं।

बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा की अगुआई में बांदा जिला मुख्यालय के पास अशोक लाट तिराहे पर किसानों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी। शर्मा ने आरोप लगाया कि कर्ज और मर्ज (महामारी) से जूझ रहे किसानों की फसल बेचने की रकम मंडी समिति से उनके बचत बैंक खातों में भेजी गई। इसे बैंक अधिकारियों ने जबरन किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के कर्ज में समायोजित कर लिया। उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि, खेत-तालाब निर्माण योजना, बच्चों की मध्याह्न भोजन (मिड डे मील) की रकम से भी जबरन कर्ज वसूली की गई है। बैंक की इस धोखाधड़ी से किसान और कंगाल हो गया है।

शर्मा ने कहा कि महोबा जिले का पनवाड़ी आर्यावर्त बैंक इसका जीता जागता उदाहरण है, जहां किसानों को बिना सूचना दिए उनके खातों की धनराशि किसान क्रेडिट कार्ड के कर्ज खातों में स्थानांतरित कर दी गई है। यही हाल बुंदेलखंड के तकरीबन सभी बैंकों का है। उन्होंने बताया कि इस बारे में पुलिस अधिकारियों को शिकायत देकर प्राथमिकी दर्ज कराने की गुजारिश की गई, लेकिन पुलिस बैंकों की खुली पैरवी में कर रही है।

इस बीच, चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा के पुलिस महानिरीक्षक के. सत्यनारायण के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) ने बताया कि इस सिलसिले में किसानों की शिकायत की जांच साइबर अपराध शाखा ब्रांच से करायी गई है, जिसमें आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।

भूख हड़ताल में शामिल महोबा जिले के पनवाड़ी के किसान सीताराम नाइक ने बताया कि मंडी समिति से उनके बचत खाते में चने की फसल बेचने की रकम दो लाख, 34 हजार रुपये भेजी थी। इसमें से एक लाख रुपये की कटौती जबरन किसान क्रेडिट कार्ड में जमा कर दी गयी।

यहीं के किसान मान सिंह ने बताया कि खेत-तालाब योजना की सरकारी धनराशि से 71 हजार रुपये की वसूली कर ली गयी। अब तालाब का निर्माण न होने पर वसूली की तलवार लटक रही है।

इसी तरह नटर्रा गांव के किसान रामेश्वर ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना की राशि से 70 हजार रुपये की जबरन कटौती की गई है। वहीं किसान जगमोहन ने बताया कि उनके खाते में लॉकडाउन के दौरान बच्चों की मध्याह्न भोजन योजना के पांच सौ रुपये की कटौती कर बैंक अधिकारियों ने कर्ज की वसूली कर ली है।

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