EPFO News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कर्मचारी भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर (EPFO Interest Rate) को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी करने के EPFO बोर्ड के प्रस्ताव का बचाव किया। उन्होंने कहा कि 40 सालों से दर में कमी नहीं की गई थी और नई घटी हुई दर आज की वास्तविकताओं को दर्शाती है। अन्य छोटी बचत योजनाओं पर दरें और भी कम हैं।
मंत्रालय की अंतिम मंजूरी है बाकी
उल्लेखनीय है कि 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर कम ब्याज दर का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। ईपीएफओ नई दरों को मंत्रालय द्वारा इसकी पुष्टि के बाद ही अधिसूचित करता है।
एफएम सीतारमण ने राज्यसभा में कहा कि, '40 सालों से दर में कमी नहीं की गई थी। आज की वास्तविकताएं हैं जो हमें उन निर्णयों के संदर्भ में रखती हैं जो ईपीएफओ के केंद्रीय बोर्ड द्वारा लिए जा रहे हैं। प्रस्ताव वित्त मंत्रालय के पास मंजूरी के लिए आना बाकी है।'
चालू वित्त वर्ष के खर्च पर राज्यसभा में एक बहस का जवाब देते हुए, सीतारमण ने आगे कहा कि, 'ईपीएफओ का एक केंद्रीय बोर्ड है जो यह तय करता है कि उनके लिए क्या दर दी जानी है और उन्होंने कुछ समय से इसे नहीं बदला है। लेकिन अब उन्होंने इसे 8.4 फीसदी से 8.1 फीसदी में बदल दिया है।
चार दशक के निचला स्तर पर ब्याज दर
ईपीएफओ ने मार्च में केंद्रीय न्यासी बोर्ड की 230वीं बैठक के बाद घोषणा की थी कि पीएफ ब्याज फंड 8.1 फीसदी की कम ब्याज दर प्राप्त करेगा, जो चार दशक का निचला स्तर है।
आइए जानते हैं बीते सानों में कितनी थी ब्याज दर-
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