2020 की महामारी हममें से कई लोगों के लिए बड़ी असफलता लेकर आई है - चाहे वह स्वास्थ्य के लिहाज से हो या धन के लिहाज से। हालांकि, इसने हमें यह सबक भी दिया कि संकट-काल में संसाधनों का उपयोग किस तरह करना चाहिए। चूंकि यह कभी न भूलने वाला साल अपने अंत के करीब है, तो आइए हम पैसे से जुड़े इसके सबसे बड़े सबकों पर एक नजर डालें, जो हमारे आर्थिक भविष्य को सुरक्षित रखने के हमारे सफर में सदैव हमारा मार्गदर्शन करेंगे।
कोविड-19 आपदा के चलते लंबे समय तक लॉकडाउन रहा, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग काम पर नहीं जा सके। इसमें कई लोगों की नौकरियां चली गईं, उनके वेतन में कटौती हो गई या कमाई का नुकसान हुआ। हालांकि, जिन्होंने पहले से इस तरह की स्थितियों के लिए अपने पास पर्याप्त आकस्मिक धन (कंटिन्जेंसी फंड) रखा था, वे मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद किसी तरह अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में कामयाब रहे। जिन लोगों के पास पहले से पर्याप्त आकस्मिक धन नहीं था, उन्हें अपने आवश्यक वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ा है। तो 2020 का पहला सबक है- ऐसा आपातकालीन फंड तैयार करना और बनाए रखना जो कमाई का नियमित स्रोत न रहने पर भी अगले 6-8 महीनों तक आपके और आपके आश्रितों के जीवन-यापन में मदद कर सके। एक अप्रत्याशित संकट के दौरान, जैसा कि हमने 2020 में देखा, आपका लक्ष्य होना चाहिए अनावश्यक खर्चों में कटौती करना ताकि आप कोई कर्ज लिए बिना अपने आपातकालीन फंड से अपने सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय दायित्वों को पूरा कर सकें जैसे कि किराया, ईएमआई, ग्रॉसरी, यूटिलिटी आदि। जैसे ही आपकी वित्तीय स्थिर में सुधार होता है, तो जितनी जल्द हो सके आपको इस (आपातकालीन) फंड की भरपाई कर देनी चाहिए।
यह कोई असामान्य बात नहीं है कि सामान्य परिस्थितियों में लोग अपने हेल्थ इंश्योरेंस की आवश्यकताओं को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन जब वे अचानक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी आपात स्थिति का सामना करते हैं, खास तौर पर किसी वित्तीय संकट के दौरान, तो उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ती है! अस्पताल में भर्ती होने का खर्च उनकी पूरी बचत को चूस कर उन्हें अत्यंत असहाय बना देता है। तो 2020 का दूसरा बड़ा सबक है- यह सुनिश्चित करना कि आपके पास कम से कम 5-7 लाख रुपए की बीमित राशि का एक हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज है, खासकर यदि आप किसी बड़े शहर में रहते हैं। आपको खुद के लिए और अपने आश्रितों के लिए एक मेडिकल पॉलिसी लेने पर भी विचार करना चाहिए क्योंकि यदि आपकी नौकरी चली जाती है तो आपके ऑफिस द्वारा दिए जाने वाला ग्रुप इंश्योरेंस प्लान काम नहीं आएगा। अंत में, यह याद रखें कि बीमाधारक की उम्र के आधार पर प्रीमियम राशि कम या ज्यादा तय होती है, अतः समय न गँवाएँ।
जब आप निवेश करते हैं, तो आपका मुख्य उद्देश्य होना चाहिए अपने वित्तीय लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करना। 2020 में, कोविड-19 से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण इक्विटी बाजार में भारी अस्थिरता देखी गई। कुछ डेट (ऋण) फंडों का प्रदर्शन भी खराब रहा। ऐसे कई निवेशक जिन्होंने सिंगल इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया था, उन्हें काफी ज्यादा निगेटिव रिटर्न का सामना करना पड़ा। ऐसे कई निवेशक जो वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे थे, उन्हें नुकसान होने के बावजूद अपने निवेश को बेचने पर मजबूर होना पड़ा।
आपको 2020 के अनुभव से यह सबक याद रखना चाहिए कि निवेश के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है क्योंकि आप घबराहट में अपना नुकसान कर सकते हैं। आपको रिटर्न से जुड़ी अपनी अपेक्षाओं और जोखिम सहनशीलता के अनुरूप विभिन्न एसेट क्लास जैसे कि इक्विटी, गोल्ड, डेट प्रोडक्ट आदि में अपने निवेशों को बेहतर ढंग से डाइवर्सिफाई भी करना चाहिए, ताकि आप बाजार की अस्थिरता के बीच अपने समग्र जोखिम को नियंत्रण में रखते हुए इच्छित रिटर्न प्राप्त कर सकें।
2020 ने यह भी आजमाया कि लोगों में किस हद तक वित्तीय अनुशासन है। अत्यधिक ऋण हर स्थिति में खराब होता है, लेकिन जब कोई बड़ा संकट आ जाए तो यह आपकी पूरी कमाई और बचत को नष्ट कर सकता है। ऐसे बहुत से लोग जिन्होंने कैलेंडर वर्ष 2020 की पहली तिमाही के दौरान अनावश्यक रूप से उच्च-ब्याज पर ऋण लिया था, उन्हें वर्ष की शेष अवधि में इन्हें चुकाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लॉकडाउन की घोषणा के बाद, लोग अपने ऑफिस या काम पर नहीं जा सके जिससे उनकी आय बहुत कम हो गई। ऐसी स्थिति में, जिन लोगों ने अनावश्यक ऋण लिया था उन्हें अतिरिक्त वित्तीय बोझ का सामना करना पड़ा। हालाँकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐसे लोगों के लिए मोरेटोरियम सुविधा की घोषणा की थी जो अपना ऋण चुकाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब भी ऋण पर ब्याज तो बढ़ ही रहा था जिससे उनकी ऋण देनदारी भी बढ़ रही थी। आपको यह जानना चाहिए कि अनावश्यक ऋण से आपकी माली हालत खराब हो सकती है। ऋण का उपयोग हमेशा एक सहायक साधन के रूप में करें जो आपके महत्वपूर्ण वित्तीय लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करने में मदद करता है।
चाहे सामान्य समय हो या कठिन, आपको नियमित रूप से और अनुशासित तरीके से निवेश करने का लक्ष्य रखना चाहिए। 2020 की पहली तिमाही में, इक्विटी बाजार में भारी गिरावट आई। इक्विटी म्यूचुअल फंड का एनएवी भी तेजी से गिर गया। कुछ निवेशकों ने इक्विटी बाजार में आगे और गिरावट की आशंका में अपने एसआईपी रोक दिए। हालाँकि, कुछ महीनों के बाद इक्विटी बाजार में फिर से रौनक आने लगी, और 2020 के अंत तक सेंसेक्स ने एक नई ऊंचाई को छू लिया है! आपको 2020 के अनुभव से सीखना चाहिए कि निवेश नियमित रूप से किया जाना चाहिए। जब आप ऐसा करते हैं, तो आप अच्छा रिटर्न कमा सकते हैं क्योंकि लंबे समय में बाजार में अस्थिरता औसतन नियंत्रित रहेगी।
अंत में, 2020 ने ऐसी कई स्थितियों को पैदा किया जो हमारे नियंत्रण में नहीं थीं। हालाँकि, आगे बढ़ते हुए, हमें अनुशासित और व्यावहारिक दृष्टिकोण बनाने और उस पर अमल करने की आवश्यकता है ताकि हम उन चीजों के बारे में बेहतर निर्णय ले सकें जो हमारे नियंत्रण में हैं, जैसे कि अपना आपातकालीन बचत, बीमा सुरक्षा स्तर, ऋण और निवेश। यदि भविष्य में हमें किसी अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ता है, तो इस बात को सुनिश्चित करने में ये सबक बहुत उपयोगी साबित होंगे कि हमारे पैसे को कम से कम क्षति पहुंचे।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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