मार्केट में कई तरह के लोन इंस्ट्रूमेंट्स मौजूद हैं जिनमें से हरेक की विशेषताएं और उपयुक्तता अलग-अलग होती है। लोन लेने की लिए जमानत/गिरवी रखने की दृष्टि से लोन दो तरह के होते हैं: अनसिक्योर्ड लोन और सिक्योर्ड या जमानती लोन। दोनों के अपने-अपने लाभ हैं। इस आर्टिकल में, सोच-समझकर फाइनेंसिंग फैसले लेने में आपकी मदद करने के लिए, मैं सोना, शेयर, एफडी, इंश्योरेंस पॉलिसी, कार, प्रॉपर्टी, इत्यादि जैसी सिक्योरिटी वाले विभिन्न प्रकार के जमानती लोन पर फोकस करूंगा।
अनसिक्योर्ड लोन के मामले में जमानत/गिरवी रखने की जरुरत नहीं पड़ती है लेकिन उनकी लागत आम तौर पर सिक्योर्ड लोन से ज्यादा होती है। सिक्योर्ड लोन के इंटरेस्ट रेट और चार्ज, अनसिक्योर्ड लोन जैसे एक पर्सनल लोन की तुलना में अक्सर कम होते हैं। सोना, शेयर, म्यूच्यूअल फंड, इत्यादि चीजें गिरवी रखने से, उधारदाता को उधारकर्ता द्वारा लोन न चुका पाने की सम्भावना की चिंता से मुक्ति मिल जाती है क्योंकि वह उन्हें लिक्विडेट करके अपना पैसा वसूल कर सकता है। इसलिए, सिक्योर्ड लोन का इंटरेस्ट रेट काफी कम होता है जिससे उसका प्रीमियम भी काफी कम रहता है।
सिक्योर्ड लोन के मामले में, उधारकर्ता को अनसिक्योर्ड लोन की तुलना में कम इंटरेस्ट रेट, ज्यादा लोन अमाउंट और लम्बा रीपेमेंट पीरियड जैसी सुविधाएं मिलती हैं। लोन अमाउंट, गिरवी रखे गए सिक्योरिटी के वैल्यू से जुड़ा होता है। वैल्यू जितना ज्यादा होता है, उतना ज्यादा लोन मिलता है। इसके अलावा, एक जमानती लोन में कोई चीज गिरवी रखने से उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर पर निर्भरता कम हो जाती है, यानी उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर ख़राब रहने पर भी उसे एक सिक्योर्ड लोन मिल सकता है, लेकिन एक अनसिक्योर्ड लोन नहीं भी मिल सकता है और अगर मिल भी जाता है तो इंटरेस्ट रेट बहुत ज्यादा होता है। इसलिए सिक्योर्ड लोन के लिए अप्लाई करना बेहतर होता है।
मार्केट में तरह-तरह के सिक्योर्ड लोन मौजूद हैं जिनमें से आप अपने आवश्यक लोन अमाउंट, लोन रीपेमेंट पीरियड, गिरवी रखने के लिए आपके पास मौजूद एसेट, और लोन इंटरेस्ट रेट के आधार पर, एक सूटेबल लोन प्रोडक्ट चुन सकते हैं। आइए, विभिन्न प्रकार के सिक्योर्ड लोन और उनकी विशेषताओं पर गौर करते हैं।
पैसे की जरुरत पड़ने पर, आप अपने पास बेकार पड़े सोने के गहने या सोने के सिक्के (जिनकी शुद्धता कम-से-कम 18 कैरेट हो) को गिरवी रखकर गोल्ड लोन ले सकते हैं जहां आपको उधारदाता के लोन अमाउंट लिमिट के अनुसार, अपने गिरवी रखे सोने के मौजूदा मार्केट वैल्यू का 90% तक लोन मिल सकता है। लोन अमाउंट, लोन रीपेमेंट पीरियड और उधारदाता की नीतियों के अनुसार, इसका इंटरेस्ट रेट 7.5% से 15% प्रतिवर्ष के बीच हो सकता है। कुछ उधारदाता इस पर एक प्रोसेसिंग फीस (आम तौर पर लोन अमाउंट का 0.25% से 1%) भी लेते हैं, जबकि कुछ उधारदाता ऐसी कोई फीस नहीं लेते हैं। यह लोन उन लोगों के लिए एक बेहतर लोन ऑप्शन है जिनके पास थोड़ा-बहुत सोना है और जिनकी लोन सम्बन्धी जरुरत ज्यादा बड़ी नहीं है।
आपको म्यूच्यूअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड्स, इत्यादि जैसे अपने इन्वेस्टमेंट के बदले भी लोन मिल सकता है। शेयर और म्यूच्यूअल फंड जैसे मार्केट-लिंक्ड सिक्योरिटी के बदले 50% तक (लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात के अनुसार), किसान विकास पत्र और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCD) के बदले करीब 80%, और फिक्स्ड डिपोजिट (FD) के बदले 90% तक लोन मिल सकता है। इस लोन का इस्तेमाल आप अपनी अल्पकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकते हैं। इसका इंटरेस्ट रेट, गिरवी रखे जाने वाले सिक्योरिटी के प्रकार और लोन अमाउंट पर आधारित होता है। उदाहरण के लिए, एफडी के बदले मिलने वाले लोन का इंटरेस्ट रेट, आम तौर पर एफडी इंटरेस्ट रेट से 1-2% अधिक होता है।
यदि लोन के लिए गिरवी रखने के लिए आपके पास कोई इन्वेस्टमेंट नहीं है तो आप अपनी कार को गिरवी रखकर भी लोन ले सकते हैं जहाँ कार के मूल्यांकित वैल्यू का लगभग 50% (LTV वैल्यू) तक लोन मिल सकता है लेकिन कुछ उधारदाता, कार की वैल्यू का 150% तक LTV भी देते हैं। लोन अमाउंट, कार की बनावट, मॉडल, खरीदारी का साल, और उसकी हालत पर आधारित होता है। ऐसे लोन का इंटरेस्ट रेट, सिक्योरिटी या गोल्ड लोन की तुलना में ज्यादा होता है। लेकिन फिर भी, यह उन उधारकर्ताओं के लिए एक बहुत बढ़िया लोन ऑप्शन है जिनके पास गिरवी रखने के लिए कोई दूसरी चीज नहीं है।
यदि आपके पास एक ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी जैसे एक एंडोमेंट प्लान है तो आप उसे भी गिरवी रखकर लोन ले सकते हैं। उधारदाता एक उधारकर्ता को दिए जा सकने वाले मैक्सिमम लोन अमाउंट का अनुमान लगाने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी के पेड-अप वैल्यू पर विचार करते हैं, न कि इंश्योरेंस अमाउंट पर। यह लोन उनके लिए सूटेबल होता है जो कम इंटरेस्ट पर और लम्बे रीपेमेंट पीरियड के लिए लोन लेना चाहते हैं। इस लोन में लगभग 90% तक LTV मिल सकता है। लेकिन, कम-से-कम 3 साल तक चल चुकी पॉलिसी को ही लोन लेने के लिए जमानत के तौर पर गिरवी रखा जा सकता है।
यदि आपको एक बड़ा लोन चाहिए और एक लम्बा रीपेमेंट पीरियड भी चाहिए तो प्रॉपर्टी के बदले लोन लेना ठीक रहेगा। ऐसे लोन के लिए 60% से 65% तक LTV मिल सकता है और लोन अमाउंट और रीपेमेंट पीरियड के आधार पर इसका इंटरेस्ट रेट 7% से 10% के आसपास रहता है।
सिक्योर्ड लोन लेना तभी फायदेमंद साबित होता है जब आप अपनी जरूरत के अनुसार एक सही लोन प्रोडक्ट चुनते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपको ज्यादा पैसे की जरूरत है तो इसके लिए कई चीजों को गिरवी रखकर कई लोन लेने के बजाय आप अपनी प्रॉपर्टी या लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी जैसे किसी हाई-वैल्यू एसेट को गिरवी रखकर कम रेट पर एक बड़ा लोन ले सकते हैं। किसी छोटे लोन के लिए किसी बड़े एसेट को गिरवी न रखें। सिक्योरिटी के बदले मिलने वाले लोन के मामले में, मार्क टू मार्केट मार्जिन को बनाए रखना पड़ता है, वर्ना उधारदाता द्वारा आपके गिरवी रखे सामान को लिक्विडेट किया जा सकता है। इसलिए, मार्केट वोलेटाइल रहने पर शेयर या म्यूच्यूअल फंड्स को गिरवी रखकर कोई बड़ा लोन लेने से बचना चाहिए। उस समय उन्हें गिरवी रखने के बजाय उन्हें बेच देना बेहतर होगा। अंत में, किसी भी सिक्योर्ड लोन के लिए अप्लाई करने से पहले उसका रीपेमेंट प्लान जरूर बना लें वर्ना लोन न चुका पाने पर आपका गिरवी रखा एसेट आपके हाथ से जा सकता है।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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