दक्षिण मध्य रेलवे पर पहली बार दौड़ी लंबी दूरी की ट्रेन 'त्रिशूल' और 'गरुड़', जिसमें में हैं 177 वैगन, देखें VIDEO

भारतीय रेलवे ने दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) पर पहली बार दो लंबी दूरी की मालगाड़ियों 'त्रिशूल' और 'गरुड़' का सफलतापूर्वक संचालन किया। जिसमें तीन मालगाड़ियां, यानी 177 वैगन शामिल हैं। 

First time for South Central Railway, two long distance goods trains 'Trishul' and 'Garuda' run, watch video
दक्षिण मध्य रेलवे पहली बार लंबी दूरी की ट्रेन 
मुख्य बातें
  • त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दूरी की ट्रेन है।
  • इसी तरह की एक और रेल को रवाना किया और इसे गरुड़ नाम दिया गया है।
  • त्रिशूल में तीन मालगाड़ियां यानी 177 वैगन शामिल हैं।

भारतीय रेलवे ने दक्षिण मध्य रेलवे (एससीआर) पर पहली बार दो लंबी दूरी की मालगाड़ियों 'त्रिशूल' और 'गरुड़' का सफलतापूर्वक संचालन किया है। मालगाड़ियों की सामान्य संरचना से दोगुनी या कई गुना बड़ी, लंबी दूरी की यह रेल महत्वपूर्ण सैक्‍शनों में क्षमता की कमी की समस्या का एक बहुत प्रभावी समाधान प्रदान करती हैं।

त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दूरी की ट्रेन है जिसमें तीन मालगाड़ियां, यानी 177 वैगन शामिल हैं। यह रेल 07 अक्टूबर 2021 को विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली स्टेशन से पूर्वी तट रेलवे के खुर्दा मंडल के लिए रवाना हुई थी। एससीआर ने इसके बाद 08 अक्टूबर 2021 को गुंतकल डिवीजन के रायचूर से सिकंदराबाद डिवीजन के मनुगुरु तक इसी तरह की एक और रेल को रवाना किया और इसे गरुड़ नाम दिया गया है। दोनों ही मामलों में लंबी दूरी की रेलों में मुख्य रूप से थर्मल पावर स्टेशनों के लिए कोयले की लदान के लिए खाली खुले वैगन शामिल थे।

एससीआर भारतीय रेल पर पांच प्रमुख माल ढुलाई वाले रेलवे में से एक। विशाखापत्तनम-विजयवाड़ा-गुडुर-रेनिगुंटा,बल्लारशाह-काजीपेट-विजयवाड़ा, काजीपेट-सिकंदराबाद-वाडी, विजयवाड़ा-गुंटूर-गुंतकल खंडों जैसे कुछ मुख्य मार्गों पर एससीआर थोक माल के यातायात का संचालन करता है। चूंकि इसके अधिकांश माल यातायात को इन प्रमुख मार्गों से होकर गुजरना पड़ता है, इसलिए एससीआर के लिए इन महत्वपूर्ण सैक्‍शनों में उपलब्ध प्रवाह क्षमता को अधिकतम करना आवश्यक है।

लंबी दूरी की इन रेलों के माध्‍यम से परिचालन में भीड़भाड़ वाले मार्गों पर पथ की बचत, शीघ्र आवागमन समय, महत्वपूर्ण सैक्‍शन में प्रवाह क्षमता को अधिकतम करना, चालक दल में बचत करना जैसे लाभ शामिल हैं। इन उपायों के माध्‍यम से भारतीय रेल अपने मालवाहक ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद करती है।

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