Fixed Deposits : एफडी से जुड़ी ये 5 महत्वपूर्ण बातें, निवेश से पहले जानना जरूरी

बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा ऑफर की जाने वाली एफडी आमतौर पर सात दिनों से 10 वर्षों के लिए होती हैं। कुछ बैंकों द्वारा 20 वर्ष तक की लंबी अवधियों के लिए एफडी ऑफर की जाती हैं। 

Fixed Deposits : 5 important things related to FD, important to know before investing
फिक्स्ड डिपॉजिट 

फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी)/सावधि जमा देश में उपलब्ध सबसे सुरक्षित और सबसे जाने-पहचाने निवेश इंस्ट्रुमेंट्स हैं। एफडी से आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है बशर्ते कि आप इसके बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं और उचित फैसले लेते हैं ताकि आप निवेश से अधिकतम लाभ कमा सकें। अधिकांश बैंक और अनेक वित्तीय संस्थान अपने निवेशकों को अपनी राशि को अपने एफडी इंस्ट्रुमेंट में जमा करवाने की सुविधा प्रदान करते हैं। लेकिन आप कैसे जान सकते हैं कि आपके लिए सबसे अच्छी एफडी कौन सी रहेगी? एफडी एक से अधिक अवधि के लिए और अलग-अलग फीचर्स के साथ उपलब्ध हैं- लेकिन आप एफडी को किस प्रकार से चुनते हैं जिससे आपकी जरूरतों की पूर्ति आसानी से होती है? एफडी निवेश के बारे आप उचित निर्णय कर सकें, इस संबंध में सहायता के लिए हमने कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब आपके सामने रखे हैं।

एफडी निवेश की आदर्श अवधि कितनी होनी चाहिए?

बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा ऑफर की जाने वाली एफडी आमतौर पर सात दिनों से 10 वर्षों के लिए होती हैं। कुछ बैंकों द्वारा 20 वर्ष तक की लंबी अवधियों के लिए एफडी ऑफर की जाती हैं। लेकिन आप इस बात को कैसे जान सकते हैं कि आपके लिए एफडी निवेश की आदर्श अवधि कितनी है? आदर्श रूप से आपको ऐसी एफडी में निवेश करना चाहिए जिसकी अवधि आपके वित्तीय लक्ष्यों से मेल खाती है। अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों पर निर्भर करते हुए, आप उचित एफडी अवधि को चुन सकते हैं। आपको ऐसी एफडी को पसंद करनी चाहिए जिन पर ब्याज की सर्वश्रेष्ठ दर मिलती है ताकि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा कर सकें। जब यह उम्मीद की जाती है कि एफडी पर ब्याज की दर बढ़ेगी, तो आप भिन्न-भिन्न मैच्योरिटी वाली एक से अधिक एफडी में निवेश कर सकते हैं ताकि आप एफडी लैड्डरिंग तैयार कर सकें और दीर्घकाल में एफडी ब्याज दर का औसत लाभ प्राप्त कर सकें।

क्या आपको एक बड़ी एफडी या एक से अधिक छोटी-छोटी एफडी में निवेश करना चाहिए?

बैंकों में जमा राशियों का डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (डीआईसीजीसी), आरबीआई के सहायक निगम द्वारा 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर प्रदान किया जाता है। इसलिए, डिफॉल्ट जोखिम को पूरी तरह से खत्म करने के लिए, जब आप एफडी में निवेश करते हैं, तो आपको किसी एक बैंक में 5 लाख रुपए से अधिक की एफडी करवाने से बचना चाहिए। बेहतर तरीका होगा कि आप अपने निवेश को एक से अधिक एफडी में, अलग-अलग बैंकों में करते हैं, और यह सुनिश्चित करें कि किसी एक बैंक में कुल जमा (अर्थात मूल राशि जमा ब्याज) 5 लाख से अधिक न हो। एक से अधिक एफडी होने का एक लाभ यह होता है कि आप किसी आपातस्थिति में होने वाली जरुरत के लिए एक या दो एफडी को रद्द करवा कर अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं जिसके लिए आपको शेष एफडी निवेश के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी। अगर आप पूरी राशि को एक ही एफडी में रखते हैं, तो वित्तीय संकट के समय आपको अपने पूरे निवेश को समय से पूर्व रद्द करवाना होगा जिसके लिए आपको जुर्माने के रूप में ब्याज के हिस्से को गंवाना पड़ेगा।

ऐसा कहने के बाद, एक बडी एफडी के कुछ लाभ भी होते हैं। आपको एक से अधिक एफडी निवेश का ट्रैक नहीं रखना पड़ता है; उदाहरण के लिए, उनमें से प्रत्येक कब मैच्योर होगी, कब आपको पुन: निवेश करना होगा। इसलिए, आपकी सुरक्षा जरूरतों और सुविधा पर निर्भर करते हुए, आप उचित विकल्प को चुन सकते हैं।

फ्लोटिंग बनाम नियत जमा सावधि जमाएं: कौन सी बेहतर है?

फ्लोटिंग रेट सावधि जमा (एफआरटीडी) वे निवेश प्रोडक्ट हैं जिन पर अंतर्निहित दर के अनुसार ब्याज दर की ऑफर की जाती है, जैसे आरबीआई की रेपो रेट, 91 दिन के ट्रेजरी बिल रेट आदि। इसलिए, जब संदर्भ दर में बढ़ोतरी होती है, तो लिंक्ड एफआरटीडी ब्याज दर में भी बढ़ोतरी होती है और इसके विपरीत भी सच होता है। नियमित एफडी प्रोडक्ट्स में, ब्याज दर तय की गई अवधि तक के लिए फिक्स रहते हैं। एफआरटीडी उन निवेशकों के लिए बेहतर रहते हो ती हैं जिन्हें ब्याज दर दिशा की जानकारी होती है और उसी के अनुसार सही निर्णय ले सकते हैं। यदि आपको ब्याज दर रूझानों के बारे में जानकारी नहीं है, तो संभवत: नियमित एफडी प्रोडक्ट लेना ही बेहतर होगा।

कारपोरेट एफडी बनाम बैंक एफडी: कौन सी बेहतर है?

यदि आप एफडी में निवेश करके, उच्च ब्याज दर की इच्छा रखते हैं, तो आप कारपोरेट सावधि जमा (सीडी) में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। आमतौर पर सीडी में अवधियां छह महीनों से लेकर पांच वर्ष तक की होती हैं। आमतौर पर बैंक एफडी की तुलना में, सीडी पर ब्याज की दरें अधिक होती हैं, लेकिन उनके साथ जोखिम भी अधिक जुड़ा रहता है। यदि बैंक एफडी की तरह कंपनी भुगतान करने में चूक करती है, तो सीडी को डीआईसीजीसी द्वारा बीमा प्रदान नहीं किया जाता है (अर्थात प्रति बैंक प्रति निवेशक 5 लाख रूपये तक)। साथ ही, कुछ बैंक एफडी को आंशिक रूप से भुनाने की भी सुविधा प्रदान करते हैं और बाकी हिस्से का निवेश बनाए रख सकते हैं। दूसरी तरफ सीडी में किसी प्रकार की आंशिक विदड्रावल की सुविधा नहीं मिलती है। इसलिए, जोखिम के बारे में गहन मूल्यांकन के बाद टॉप-रेटेड सीडी की खोजबीन कर सकते हैं ताकि आप तुलनात्मक रूप से उच्च रिटर्न प्राप्त कर सकें यदि आप जोखिम उठाने की ज़रूरी क्षमता रखते हैं। यदि आप ऐसे निवेशक हैं जो जोखिम से बचना चाहते हैं, तो किसी प्रतिष्ठित बैंक की एफडी में निवेश करना बेहतर होगा।

क्या आपको एफडी के मैच्योर होने तक प्रतीक्षा करनी चाहिए या उन्हें समय से पहले भुनवा लेना चाहिए?

एफडी को तुड़वाना कोई अच्छी बात नहीं होती है, विशेष रूप से जब निकट भविष्य में ब्याज दरों में गिरावट होने की संभावना होती है। यदि आप ऐसी स्थिति में एफडी को तुड़वा लेते हैं, तो आपको ब्याज का वह समान स्तर उपलब्ध नहीं होगा जब आप निकट भविष्य में फिर से निवेश करते हैं। आपको समय से पूर्व विदड्रावल पर लगने वाले जुर्माने से बचने के लिए अपनी एफडी के बदले में ओवरड्राफ्ट (ओडी) पर विचार करना चाहिए ताकि आप समय से पहले एफडी को तुड़वाए बिना अपनी अल्पकालिक जरूरतों को पूरा कर सकें, और आपको इस बारे में नियम और शर्तों को पहले पढ़ लेना चाहिए।

यदि आपकी लिक्विडिटी समस्या के लंबी अवधि तक बने रहने की आशा है और भविष्य में ब्याज दरों के बढ़ने की संभावना है, तो आप अपनी वित्तीय ज़रूरतों को पूरा करने के लिए समय से पहले अपनी एफडी को तुड़वा सकते हैं और जैसा संभव हो निकट भविष्य में किसी अन्य एफडी में उच्च ब्याज दर पर निवेश कर सकते हैं। आपकी ज़रूरतों के लिए लोन विकल्प की उपलब्धता समय से पहले विदड्रावल की स्थिति में लगने वाले जुर्माने को कम करने के बाद मौजूदा एफडी दर की तुलना में लागू लोन ब्याज दर की तुलना पर भी यह निर्णय आधारित होना चाहिए। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि एफडी रिटर्न निवेश के आयकर स्लैब दर के अनुसार पूरी तरह से कर योग्य होते हैं, इसलिए निर्णय करते समय हमेशा टैक्स के बाद एफडी रिटर्न पर ही विचार करना चाहिए। यह कहने के बाद, यदि आपकी एफडी निकट समय में मैच्योर होने वाली है, तो आप इसे समय से पहले बंद करने से बचना चाहेंगे और अपनी ज़रूरत को पूरा करने के लिए दूसरे विकल्प की खोज कर सकते हैं।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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