नई दिल्ली: शेयर बाजार के लिए हफ्ते का अंतिम दिन यानी शुक्रवार बुरा दिन साबित हुआ। चंद सेकेंडों में निवेशकों के पांच लाख करोड़ का चूना लगा। दरअसल इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह कोरोना वायरस को बताया जा रहा है। दरअसल चीन के बाद कोरोना वायरस दुनिया के कई देशों में फैला है जिसकी चपेट में ईरान भी आ गया है। इससे मार्केट सेंटिमेंट को चोट पहुंची है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच ग्लोबल मार्केट को धक्का लगा है। एक तरह से देखा जाए तो ग्लोबल इकॉनोमी के धीरे-धीरे रिकवरी होने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन अचानक कोरोना की वजह से ग्लोबल मार्केट पर धक्का लगा है जिससे शेयर बाजार धराशाई हुआ है जिसका असर पुरी दुनिया में देखा जा रहा है। ग्लोबल मार्केट में ध
2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है
कोरोना वायरस के संक्रमण से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर की आशंका के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में 2008 के वैश्विक आर्थिक संकट के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है।अमेरिका के शेयर सूचकांक एसएंडपी 500 में बृहस्पतिवार को 4.4 प्रतिशत की गिरावट रही। यह इसकी 2011 के बाद की सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी बृहस्पतिवार को करीब 12 सौ अंक गिरकर बंद हुआ।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना का कहर
एसएंडपी 500 ने महज एक सप्ताह पहले अपना सर्वकालिक उच्च स्तर छुआ था। यह उस स्तर से अब तक 12 प्रतिशत गिर चुका है। इन दोनों सूचकांकों में यह सप्ताह 2008 के आर्थिक संकट के दौरान अक्टूबर के बाद का सबसे बुरा होने जा रहा है।विश्लेषकों का कहना है कि कोरोना वायरस का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ने की आशंका ने निवेशकों की धारणा खराब की है। पिछले दो सप्ताह से कई कंपनियां यह चेतावनी दे चुकी है कि इस संक्रमण के कारण उनके तिमाही परिणाम पर असर पड़ सकता है। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण चीन में कारखानों का उत्पादन बंद है। इससे आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पड़ने की आशंकाएं ठोस हुई हैं तथा उपभोक्ता भी खरीदारी से बच रहे हैं।
चंद सेकेंडों में निवेशकों के डूबे पांच लाख करोड़ रुपए
वैश्विक बिकवाली के बीच घरेलू शेयर बाजारों में भारी गिरावट के कारण शुक्रवार को कारेाबार के कुछ ही देर में निवेशकों को पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक की चपत लग गयी।बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 11,60 अंक से अधिक की गिरावट के कारण बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट देखने को मिली। इस कारण निवेशकों ने कारोबार के कुछ ही देर में 4,65,915.58 करोड़ रुपये गंवा दिये। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इस गिरावट के बाद 1,47,74,108.50 करोड़ रुपये पर आ गया। सेंसेक्स की सभी 30 कंपनियां शुरुआती कारोबार में गिरावट में चल रही थीं।बीएसई की कुल कंपनियों में 1,602 कंपनियों के शेयर गिरावट में चल रहे थे। मात्र 183 शेयरों में तेजी देखने को मिली जबकि 62 कंपनियों के शेयर स्थिर रहे।
बीएसई की 1,767 कंपनियों में शुरुआती कारोबार में रही गिरावट
कोरोना वायरस के भय से आक्रांत शेयर बाजार में शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में भारी बिकवाली देखने को मिली। बीएसई की 1,700 से अधिक कंपनियों में बिकवाली हुई। इनमें से अधिकांश कंपनियां मिडकैप या स्मॉलकैप की हैं।इस बिकवाली के कारण समूह ए, बी, टी और जेड की 323 कंपनियों के शेयर 52 सप्ताह के निचले स्तर पर आ गये। बीएसई की 205 कंपनियों के शेयरों में स्वीकृत दायरे तक की गिरावट रही। हालांकि 274 कंपनियों ने बाजार की चाल के विपरीत प्रदर्शन किया और इनके शेयरों में बढ़त रही।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1163 अंक यानी 2.93 प्रतिशत गिरकर 38,582.66 अंक पर चल रहा था। एनएसई का निफ्टी भी 350.35 यानी 3.01 प्रतिशत गिरकर 11,282.95 अंक पर चल रहा था। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट देखने को मिली। इस कारण निवेशकों ने कारोबार के कुछ ही देर में 4,65,915.58 करोड़ रुपये गंवा दिये। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण इस गिरावट के बाद 1,47,74,108.50 करोड़ रुपये पर आ गया।
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