GDP Data: सरकारी आंकड़ों से पता चला कि वित्त वर्ष 2021-22 की जनवरी से मार्च तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि दर 4.1 फीसदी। वहीं पूरे वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही। सरकारी आंकड़ों के अनुसार इससे पिछले वित्त वर्ष में इसमें 6.6 फीसदी की गिरावट आई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) ने मंगलवार को जानकारी दी कि अक्टूबर से दिसंबर 2021 की तिमाही में भारत की वृद्धि दर 5.4 फीसदी रही थी। जनवरी से मार्च 2021 की तिमाही में देश की वृद्धि दर 2.5 फीसदी रही थी। मार्च 2022 में खत्म हुए वित्त वर्ष का वृद्धि आंकड़ा एनएसओ के पहले के अनुमान से कम है। पहले एनएसओ ने इसके 8.9 फीसदी रहने की संभावना जताई थी।
बुनियादी उद्योगों का बढ़ा उत्पादन
अप्रैल 2022 में एक साल पहले के इसी महीने की तुलना में बुनियादी क्षेत्र के आठ उद्योगों का उत्पादन 8.4 फीसदी बढ़ा। मार्च 2022 में कोयला, कच्चा तेल, नेचुरल गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली जैसे बुनियादी ढांचा सेक्टर के प्रोडक्शन में 4.9 फीसदी की तेजी आई। अप्रैल 2020 में लॉकडाउन की वजह से कारोबारी गतिविधियां पूरी तरह से बंद थीं। अप्रैल में क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन 0.9 फीसदी कम हुआ। एक साल पहले इसी महीने में इसमें 2.1 फीसदी की कमी आई थी।
जीडीपी आंकड़ों पर एक्सपर्ट्स की राय-
इतना रहा राजकोषीय घाटा
आज सरकार ने राजकोषीय घाटे कते आंकड़े भी जारी किए। वित्त वर्ष 2021-22 में देश का राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.71 फीसदी रहा। यह 6.9 फीसदी के संशोधित बजट अनुमान से कम है। मालूम हो कि सरकार ने पहले इसके 6.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया था। बाद में इसे बढ़ाकर 6.9 फीसदी किया गया।
महालेखा नियंत्रक (CGA) की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक मार्च 2022 में समाप्त वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 15,86,537 करोड़ रुपये था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने एक फरवरी 2022 को वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए अनुमान जताया था कि वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 15,91,089 करोड़ रुपये रहेगा। उल्लेखनीय है कि 2021-22 के अंत में राजस्व घाटा 4.37 फीसदी रहा।
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