GDP Growth Forecast: फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को घटाकर 8.4 फीसदी कर दिया। उसने कहा कि एक तिहाई से भी कम आबादी को वैक्सीन की सभी डोज लगी हैं और कोरोना के नए वैरिएंट ओमाइक्रोन (Omicron) ने आर्थिक रिकवरी के लिए जोखिम बढ़ा दिया है। हालांकि, अगले वित्त वर्ष के लिए फिच रेटिंग्स ने भारत के विकास अनुमान को बढ़ाकर 10.3 फीसदी कर दिया।
फिच ने अपने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक (Global Economic Outlook) में कहा कि, 'हमने मार्च 2022 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के अनुमान को घटाकर 8.4 फीसदी कर दिया है। जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 23 में 10.3 फीसदी हो सकती है।'
मुद्रास्फीति पर फिच का अनुमान
अक्टूबर में एजेंसी ने वित्त वर्ष 22 में 8.7 फीसदी और वित्त वर्ष 23 में 10 फीसदी की जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया था। मुद्रास्फीति के मोर्चे पर, रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि 2021 के 5 फीसदी से 2022 में औसत मुद्रास्फीति 4.9 फीसदी और 2023 में 4.2 फीसदी होगी। आगे फिच ने कहा कि, 'हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 2022 में जनवरी-मार्च तिमाही से 75 आधार अंकों से ब्याज दरें बढ़ाना शुरू कर देगा।
GDP और मुद्रास्फीति पर RBI का अनुमान
मालूम हो कि RBI ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए GDP का अनुमान 9.5 फीसदी पर बनाए रखा है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, तीसरी तिमाही में यह 6.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 6 फीसदी रह सकती है। वहीं 2022-23 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी की वृद्धि दर 17.2 फीसदी और 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 7.8 फीसदी रह सकती है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति (CPI) वित्त वर्ष 2021-22 में 5.3 फीसदी रह सकती है।
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