GDP ग्रोथ: चौथी तिमाही में 1.6% बढ़ी, वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3% रही गिरावट, राजकोषीय घाटा 9.3%

वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी पर कोरोना कहर रहा। वित्त वर्ष 2020-21 में 7.3% की गिरावट रही। लेकिन अब अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है।

GDP growth: up 1.6% in Q4: 7.3% decline in FY 2020-21
जीडीपी 
मुख्य बातें
  • भारत की अर्थव्यवस्था 2020-21 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान 1.6% की दर से बढ़ी।
  • इससे पिछली तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 के 0.5% वृद्धि के मुकाबले बेहतर रही।
  • 2019-20 में जनवरी-मार्च तिमाही जीडीपी में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

भारत की जीडीपी कोविड-19 से पस्त हो गई। वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में 7.3 प्रतिशत की गिरावट हुई। जबकि 2019-20 में 4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2021) में जीडीपी वृद्धि दर 1.6 प्रतिशत रही। वित्त वर्ष 2020-21 में 4 तिमाहियों में पहली दो तिमाही में जीडीपी में गिरावट रही, जबकि अंतिम दो तिमाही में बढ़त हुई। यह लगातार दूसरी तिमाही है जिसमें कोरोना के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था बढ़ती नजर आई है। 

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 2020-21 के दौरान 7.3 प्रतिशत संकुचन हुआ, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 4% की दर से बढ़ी थी। एनएसओ ने इस साल जनवरी में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमानों के आधार पर कहा था कि 2020-21 के दौरान जीडीपी में 7.7% गिरावट रहेगी। उधर चीन ने जनवरी-मार्च 2021 में 18.3% की आर्थिक वृद्धि दर्ज की है।

राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपए, जीडीपी का 9.3%

राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9.3% रहा। यह वित्त मंत्रालय के संशोधित अनुमान 9.5% से कम है। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि पिछले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा 7.42% था। निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 18,21,461 करोड़ रुपए बैठता है जो प्रतिशत में जीडीपी का 9.3% है। सरकार ने फरवरी 2020 में पेश बजट में 2020-21 के लिए शुरू में राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपए या जीडीपी का 3.5% रहने का अनुमान जताया था।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में पिछले वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटा अनुमान को संशोधित कर 9.5% यानी 18,48,655 करोड़ रुपए कर दिया गया। कोविड-19 महामारी और राजस्व प्राप्ति में कमी को देखते हुए राजकोषीय घाटे के अनुमान को बढ़ाया गया। वित्त वर्ष 2019-20 में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का 4.6% रहा था। मुख्य रूप से राजस्व कम होने से राजकोषीय घाटा बढ़ा है।

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