Gems And Jewellery Exports: 1 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट पेश किए जाने से ठीक एक सप्ताह पहले, भारत के निर्यात क्षेत्र से अच्छी खबर आई है। अप्रैल-दिसंबर 2021 के दौरान रत्न और आभूषण का निर्यात 71 फीसदी बढ़कर 28.9 बिलियन डॉलर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 16.9 बिलियन डॉलर था।
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2021 में ये निर्यात 16.38 फीसदी बढ़कर 2.99 बिलियन डॉलर हो गया, जो दिसंबर 2020 में 2.57 बिलियन डॉलर से अधिक था।
पिछले उच्च स्तर से बेहतर हो सकता है निर्यात का आंकड़ा
इस संदर्भ में मंत्रालय का कहना है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के दौरान पहले ही 28.9 बिलियन डॉलर मूल्य के रत्न और आभूषण निर्यात का आंकड़ा प्राप्त हो गया है। इसने पहले ही पिछले वित्त वर्ष (अप्रैल 2020-मार्च 2021) के दौरान 26.02 बिलियन डॉलर निर्यात के आंकड़े को पार कर लिया है और संभावना है वित्त वर्ष (अप्रैल 2019-मार्च 2020) के दौरान 35.89 बिलियन डॉलर के निर्यात के पिछले उच्च स्तर से बेहतर होगा।
अप्रैल से दिसंबर 2021 तक रत्न और आभूषण क्षेत्र भारत के संपूर्ण निर्यात बास्केट का 9.6 फीसदी हिस्सा है। यह इंजीनियरिंग और पेट्रोलियम के बाद तीसरा सबसे बड़ा कमोडिटी शेयर है।
इन देशों में किया गया सबसे ज्यादा निर्यात-
50 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार देता है उद्योग
मालूम हो कि रत्न और आभूषण उद्योग भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 7 फीसदी योगदान देता है और 50 लाख से अधिक श्रमिकों को रोजगार देता है। सरकार ने निर्यात प्रोत्साहन के लिए रत्न और आभूषण क्षेत्र को फोकस क्षेत्र घोषित किया है।
भारत के रत्न और आभूषण को दुनिया में अग्रणी उद्योग बनाने के लिए केंद्र ने कुछ बिंदुएं रखी हैं- डिजाइन पर फोकस (पेटेंट डिजाइन का निर्माण), निर्यात उत्पादों का डायवर्सिफिकेशन, फ्यूजन ज्वैलरी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लागत प्रभावी तरीकों के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग और लैब-ग्रो डायमंड को बढ़ावा देना।
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