केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय नए लेबर कोड (New Labor Code) को लागू करने की तैयारी में है जिसमें कई बदलाव होंगे ऐसा कहा जा रहा है, श्रम सचिव के मुताबिक अगर कामकाजी दिनों (Working Days) की संख्या पांच से कम यानि चार दिन की जाती है तो कंपनियों को तीन पेड छुट्टियां देनीं होंगी। श्रम सचिव अपूर्व चंद्रा के मुताबिक, कंपनियां हफ्ते में तीन दिन की पेड छुट्टी देकर चार दिन रोजाना 12 घंटे काम करवा सकती हैं, उन्होंने कहा कि हम कंपनियों या कर्मचारियों को बाध्य नहीं कर रहे हैं, बल्कि नए वर्क कल्चर (New Work Culture) को अपनाने के विकल्प दे रहे हैं।
हालांकि, चार दिन तक काम करने की सहूलियत के बावजूद कर्मचारियों को एक सप्ताह में कुल 48 घंटे काम करना होगा,इस लेबर कोड के तहत कर्मचारियों को तीन दिन की छुट्टी मिलेगी, लेकिन काम के दिन 12 घंटे तक ड्यूटी करनी होगी।
अपूर्वा चंद्रा ने कहा, ‘हम नियोक्ता या कर्मचारियों पर दबाव नहीं डाल रहे हैं. उनके पास दोनों विकल्पों की सहूलियत होगी, कामकाम की बदलती संस्कृति को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कामकाज के दिन को लेकर हमने कुछ सहूलियत देने की भी कोशिश की है।’
उन्होंने बताया कि लेबर कोड के तहत ड्राफ्ट रूल्स लगभग अंतिम चरण में हैं और इन्हें तैयार करने की प्रक्रिया में अधिकतर राज्य शामिल भी रहे, इसमें उत्तर प्रदेश, पंजाब और मध्यप्रदेश जैसे राज्य हैं।
सप्ताह में 48 घंटे काम करने का नियम जारी रहेगा, लेकिन कंपनियों को तीन शिफ्ट में काम कराने की मंजूरी दी जा सकती है।उनके मुताबिक, 12 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 4 दिन काम करने की छूट होगी। इसी तरह 10 घंटे की शिफ्ट वालों को 5 दिन और 8 घंटे की शिफ्ट वालों को सप्ताह में 6 दिन काम करना होगा।
नए लेबर कोड में कंपनियों के लिए सहूलियत होगी कि वे अपने कर्मचारियों से एक सप्ताह में चार दिन ही काम करवाएं पहले भी एक सप्ताह में काम करने की लिमिट 48 घंटे की है और इसे अब भी जारी रखा जाएगा, कर्मचारियों और नियोक्ताओं को इस बदलाव के लिए सहमत होना होगा नए नियम का पालन करने के लिए कोई दबाव नहीं होगा।’
यदि कंपनियां चार दिन काम का सप्ताह चुनती हैं तो कर्मचारियों को तीन दिन छुट्टी देनी होगी यदि पांच दिन काम का सप्ताह चुनती हैं तो दो दिन की छुट्टी देनी होगी। नया लेबर कोड लागू होने के बाद कंपनियों के पास आठ से बारह घंटे का वर्कडे (Work Day) चुनने की आजादी होगी। इसके अलावा श्रम मंत्रालय एक वेब पोर्टल बनाने की प्रकिया में है, जून 2021 तक असंगठित क्षेत्र के कामगार अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे ताकि उन्हें कई तरह की सुविधा मुहैया कराई जा सके।
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