अकसर निवेशकों के लिए जोखिम और रिटर्न के बीच में सही संतुलन तय करना मुश्किल काम साबित होता है। आप इनमें से किसी को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। यदि आप अपनी क्षमता से अधिक जोखिम लेते हैं, तो आपको हानि उठानी पड़ सकती है। दूसरी तरफ, यदि आप बिलकुल ही जोखिम नहीं उठाते तो संभव है आपको अपर्याप्त रिटर्न प्राप्त हों जिससे समय पर अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने की यात्रा में आपको देरी हो सकती है। इसलिए, यदि आप किसी ऐसे निवेश इंस्ट्रुमेंट की खोज कर रहे हैं जिसमें जोखिमों और रिटर्न के बीच में संतुलन स्थापित किया जा सके, तो आप हाईब्रिड म्यूचल फंड्स में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। इन फंड्स से जोखिमों की प्रभावी व्यवस्था करने और वांछित रिटर्न प्राप्त करने के लिए आपको डेट और ईक्विटी एस्सेट्स क्लासेज़ के मिश्रण में निवेश करने में सहायता मिल सकती है।
बाजार में विभिन्न प्रकार के हाईब्रिड फंड्स उपलब्ध हैं; लेकिन आपको किसमें निवेश करना चाहिए? साथ ही, आपको हाईब्रिड फंड में कितने समय तक निवेश करना चाहिए? मैंने कुछ बातों पर चर्चा की है जो आपको उपयोगी लगेंगी यदि आप हाईब्रिड फंड में निवेश करने पर विचार कर रहे हैं।
हाईब्रिड फंड्स को उनके एस्सेट आवंटन अनुपात के आधार पर श्रेणीबद्ध किया जाता है। कुल मिलाकर छह प्रकार के हाईब्रिड फंड्स उपलब्ध हैं- कंजर्वेटिव हाईब्रिड फंड्स, बैलेंस्ड हाईब्रिड फंड्स, एग्रेसिव हाईब्रिड फंड्स, डायनामिक एलोकेशन फंड्स, मल्टी-एस्सेट एलोकेशन फंड्स, और आर्बिट्रेज फंड्स। कुल आंवटन का कम से कम 75% कंजर्वेटिव फंड में डेट श्रेणी में निवेश किया जाता है। बैलेंस्ड फंड में, आमतौर पर डेट और ईक्विटी में एक ही अनुपात में आवंटन किया जाता है। एग्रेसिव फंड में कुल एस्स्टेस का कम से कम 65% ईक्विटी एस्सेट्स मे निवेश किया जाता है। डायनामिक फंड में एस्सेट अनुपात बाजार की स्थितियों के अनुसार भिन्न भिन्न होता है। मल्टी-एस्सेट एलोकेशन फंड में दो से अधिक एस्सेट क्लासेज़ शामिल होती हैं। अंत में, आर्बिट्रेज फंड में, कुल एस्सेट्स का कम से कम 65% ईक्विटी हिस्सा होता है। फंड मैनेजर का फोकस विभिन्न बाजारों में कीमत में अंतर से लाभ कमाना होता है।
इसलिए, निवेशकों को अपनी जोखिम सहन करने की क्षमता और रिटर्न की उम्मीदों का सावधानी से मूल्यांकन करने के बाद हाईब्रिड फंड को चुनना चाहिए। उदाहरण के लिए, एग्रेसिव हाईब्रिड फंड्स के साथ उच्च जोखिम जुड़ा रहता है क्योंकि उनमें ईक्विटीज़ में अधिक निवेश किया जाता है, लेकिन उनसे कंजर्वेटिव फंड्स की तुलना में अधिक रिटर्न भी मिल सकते हैं।
आपके अनेक वित्तीय लक्ष्य हो सकते हैं, और आपको ऐसे हाईब्रिड फंड को चुनना चाहिए जो आपके लक्ष्यों के साथ मेल करता हो। उदाहरण के लिए, दीर्घकालिक लक्ष्य के लिए आप एग्रेसिव फंड में निवेश कर सकते हैं। मध्यावधि लक्ष्य के लिए और आपको हानि से बचने के लिए कंजर्वेटिव फंड को चुनना चाहिए। यदि आप रिटायर होने वाले हैं, तो आप हानि की संभावना को कम करने के लिए कंजर्वेटि हाईब्रिड फंड को पसंद कर सकते हैं ताकि आप निवेश पर ठीक-ठाक रिटर्न प्राप्त कर सकें।
एक्सपेंस रेशो से निवेश पर आपके रिटर्न में कमी हो सकती है। हाईब्रिड फंड को चुनते समय आपको इसके एक्सपेंस रेशो की जांच ज़रूर कर लेनी चाहिए। कुछ हाईब्रिड फंड्स एनएवी (NAV) ग्रोथ के मामले में आकर्षक दिखाई देते हैं, लेकिन चार्ज काटने के बाद, रिटर्न कम हो सकते हैं क्योंकि एक्सपेंस रेशो अधिक होता है।
हाईब्रिड फंड्स उन निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं जो मध्यम से दीर्घ अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं। ईक्विटी-ओरिऐंटेड हाईब्रिड फंड्स जैसे एग्रेसिव हाईब्रिड फंड्स, दीर्घकाल के निवेश के लिए आदर्श होते हैं, जबकि डेट और बैलेंस्ड फंड को मध्यम अवधि के लिए भी चुना जा सकता है।
ऐसे हाईब्रिड फंड्स जिनमें कुल एस्सेट एलोकेशन का 65% ईक्विटी क्लास में निवेश किया जाता है उन पर ईक्विटी म्यूचल फंड्स की तरह ही कर लगाया जाता है। यदि ईक्विटी एस्सेट में 65% से कम आंवटन किया गया है, तो कर की गणना के लिए ऐसे फंड्स को डेट फंड माना जाता है। ईक्विटी-ओरिएंटेड हाईब्रिड फंड्स में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 1 लाख रूपये तक के दीर्घकालिक पूंजी लाभ (LTCG) को कर से छूट प्रदान की गई है और 1 लाख रूपये से अधिक पर 10% की दर से कर लगाया जाता है। ईक्विटी-ओरिऐंटेड हाईब्रिड फंड्स पर अल्पकालिक पूंजी लाभ (STCG) पर 15% की दर से कर लगाया जाता है। डेट-ओरिऐन्टेड हाईब्रिड फंड्स पर एलटीसीजी पर 20% की दर से कर लगाया जाता है, और साथ ही इंडेक्सेशन लाभ भी प्रदान किया जाता है, जबकि एसटीसीजी पर निवेशक पर लागू होने वाली टैक्स स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाता है।
अंत में, व्यावहारिक निवेश एप्रोज से आपको हाईब्रिड फंड्स के माध्यम से वांछित जोखिम-एडजस्टेड रिटर्न प्राप्त करने में सहायता मिल सकती है। अपने फैसले को अंतिम रूप देने से पहले अपने चुने गए फंड्स की रेटिंग, उनके रिटर्न ट्रैक-रिकॉर्ड, एसोसिएटेड जोखिम तथा एस्सेट क्लास की टाइप और गुणवत्ता, की जांच जरूर कर लें। यदि आप सूचित निर्णय नहीं कर पाते हैं, तो किसी सर्टिफाइड निवेश सलाहकार से परामर्श करने में न हिचकिचाएं।
इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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