Gold/silver imports fall : कोरोना वायरस महामारी के दौरान दुनिया भर की अर्थव्यवस्था मंदी की और चली गई है। संकट के समय में निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा धातु सोना बन गया है। इसलिए इसकी कीमत लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसमें निवेश तो हो रहा है लेकिन दुकानों से होने वाली गहने और आभूषणों की खरीददारी काफी कम हो गई। इसकी वजह से सोने और चांदी का आयात काफी गिर गया है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जुलाई के दौरान 81.22% घटकर 2.47 अरब डॉलर या 18,590 करोड़ रुपए रह गया। सोने का आयात देश के चालू खाते के घाटे को प्रभावित करता है।
इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की समान अवधि में सोने का आयात 13.16 अरब डॉलर या 91,440 करोड़ रुपए रहा था। इसी तरह चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में चांदी का आयात भी 56.5% घटकर 68.53 करोड़ डॉलर या 5,185 करोड़ रुपये रह गया।
कॉमर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के बीच सोने की मांग में काफी कमी आई है, जिससे आयात घटा है। सोने और चांदी के आयात में कमी से देश के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिली है। आयात और निर्यात का अंतर व्यापार घाटा कहलाता है।
अप्रैल-जुलाई के दौरान व्यापार घाटा कम होकर 13.95 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 59.4 अरब डॉलर था। पिछले साल दिसंबर से सोने का आयात लगातार घट रहा है। मार्च में सोने का आयात 62.6%, अप्रैल में 99.93%, मई में 98.4% और जून में 77.5% घटा। हालांकि, जुलाई में सोने का आयात 4.17% बढ़कर 1.78 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान महीने में 1.71 अरब डॉलर रहा था।
गौर हो कि भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक है, जो मुख्य रूप से आभूषण उद्योग की मांग पूरा करता है। सालाना आधार पर भारत 800 से 900 टन सोने का आयात करता है। अप्रैल-जुलाई के दौरान रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 66.36% घटकर 4.17 अरब डॉलर रह गया।
जनवरी-मार्च की तिमाही के दौरान भारत ने 60 करोड़ डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 0.1% का चालू खाते का सरप्लस दर्ज किया। एक साल पहले समान अवधि में 4.6 अरब डॉलर या जीडीपी के 0.7% के बराबर चालू खाते का घाटा दर्ज हुआ था।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश जुलाई महीने में इससे पिछले माह की तुलना में 86% बढ़कर 921 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। सोने की कीमतें उच्चस्तर पर होने के बीच निवेशकों द्वारा अपने पोर्टफोलियो में बहुमूल्य धातुओं को जोड़ने को लेकर काफी उत्साह है, जिससे वे गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर रहे हैं।
एसोसिएशन ऑफ म्यचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार इस तरह चालू साल के पहले सात माह में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का शुद्ध प्रवाह बढ़कर 4,452 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। आंकड़ों के अनुसार, निवेशकों ने जुलाई में गोल्ड ईटीएफ में शुद्ध रूप से 921 करोड़ रुपये का निवेश किया। इससे पिछले महीने यानी जून में उन्होंने गोल्ड ईटीएफ में 494 करोड़ रुपये डाले थे।
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