नई दिल्ली: भारत में सोने के गहनों का बड़ा क्रेज है। महिलाएं शादी-त्यौहार के मौकों पर सोने के गहने खरीदती है। दिवाली निश्चित रुप से एक ऐसा त्यौहार है जब सोना सबसे ज्यादा धनतेरस के मौके पर खरीदा जाता है। सोना खरीदने में खास सावधानी बरतनी चाहिए। दरअसल अगर आप कुछ बेसिक बातों की जानकारी नहीं रखेंगे तो सोने खरीदने में आप ठगी का शिकार हो सकते हैं।
सबसे पहली सावधानी आप गोल्ड खरीदने में यह बरते कि आपको यह मालूम होना चाहिए कि आप जो सोना खरीद रहे हैं वह कितने कैरेट का है। ज्वैलरी में 22 कैरेट या 18 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल होता है। ज्यादतर इतने कैरेट की ही गोल्ड की खरीदारी होती है। 24 कैरेट की ज्वैलरी नही बन पाती है लिहाजा उसमें कुछ धातुओं को मिलाया जाता है।
सोना कितना प्योर है इसका पता ऐसे भी लगाया जा सकता है। सोने की शुद्धता यानी प्योरिटी के नंबर होते हैं जैसे 916। इसका मतलब यह है कि अमुक गोल्ड या क्वाइन 99 फीसदी शुद्ध है। सोने की शुद्धता की जांच किए बिना इसे कभी नहीं खरीदना चाहिए। सोने की खरीदारी में सबसे पहली चीज आपको यही जाननी है कि सोना जो आप खरीद रहे हैं वो कितने कैरेट का है।
22 कैरेट का गोल्ड सस्ता होता है 24 कैरेट का गोल्ड महंगा होता है। आभूषण 22 कैरेट गोल्ड का ही बनता है इसलिए इसकी कीमत 22 कैरेट के हिसाब से ही होगी 24 कैरेट के मुताबिक नहीं होगी। आपको ये ध्यान रखना होगा कि जब आप 22 कैरेट गोल्ड के आभूषण खरीद रहे हो तो दाम उसी मुताबिक दे। इसलिए बिल पर सोने की प्योरिटी,कीमत,मेकिंग चार्ज को जरूर लिखवाएं। गौर हो कि सोने की शुद्धता को कैरेट में मापा जाता है। 24 कैरेट का सोना 99.9 प्रतिशत और 22 कैरेट का सोना 92 फीसदी शुद्ध माना जाता है।
सोने के आभूषण बनाने का जो चार्ज होता है उसे गोल्ड मेकिंग चार्ज कहते है। आभूषणों का काम जितना बारीक होता है मेकिंग चार्ज उतना ही ज्यादा होता है। आपको यह ध्यान रखना होगा कि जो सोने के ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज के नाम पर जो रकम आपसे वसूली जा रही हो वो सही हो। कुछ ज्वैलर त्यौहारी सीजन पर मौके का फायदा उठाते हुए गलत मेकिंग चार्ज वसूलते हैं। मेकिंग चार्ज को लेकर आपको पूरी बार्गेनिंग करनी चाहिए। मेकिंग चार्ज ज्वेलरी के टाइप और डिजाइन पर निर्भर करते हैं। लेकिन आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जो मेकिंग चार्ज आपसे वसूला जा रहा है वो सही हो।
कुछ लोग सोना खरीदने में हॉलमार्क को नजरअंदाज करते हैं। बीआईएस हॉलमार्क गोल्ड के शुद्ध होने की गांरटी होता है इसलिए आपको हर हाल में बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी बिल्कुल नहीं खरीदनी चाहिए । सोने की शुद्धता को हॉलमार्क के जरिए जाना जाता है। हॉलमार्क का मतलब यह हुआ कि प्रोडक्ट को शुद्धता के पैमानों पर बनाया गया है।
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