नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार (08 जुलाई) को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना/आत्मानिर्भर भारत के तहत कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योगदान 24% (12% कर्मचारियों की हिस्सेदारी और 12% मालिक के शेयर) के विस्तार को जून से अगस्त 2020 तक तीन महीने के लिए मंजूरी दे दी। इस तरह कैबिनेट ने व्यवसायों और मजदूरों को तीन महीने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) समर्थन का विस्तार दे दिया। कैबिनेट की मीटिंग के बाद सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया को बताया कि इससे 4,860 करोड़ रुपए के कुल खर्च आएगा और 72 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।
जावड़ेकर ने यह भी घोषणा की कि कैबिनेट ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के विस्तार को मंजूरी दी है जो जुलाई से नवंबर 2020 तक आगे के पांच महीनों के लिए अतिरिक्त खाद्य राशन के आवंटन से संबंधित है। मुफ्त अनाज और दाल के वितरण को नवंबर तक जारी रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस कदम की घोषणा सबसे पहले 30 जून को पीएम नरेंद्र मोदी ने की थी। इस योजना के तहत अप्रैल में करीब 74.3 करोड़, मई में 74.75 करोड़ और जून 2020 में करोड़ 64.72 करोड़ लाभर्थियों को फायदा हो चुका है। कुल 81 करोड़ लोगों को आठ महीने तक मुफ्त अनाज, दाल देने के इस कार्यक्रम पर 1.49 लाख करोड़ रुपए खर्च होंगे
केंद्रीय कैबिनेट ने 1 जुलाई 2020 से उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए तीन महीने के लिए "प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना" का लाभ उठाने के लिए समय सीमा के विस्तार को भी मंजूरी दी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) का उद्देश्य सुरक्षा कवर प्रदान करना है। जो गरीब और कमजोर तबके के लोग महामारी की चपेट में आ गए। कैबिनेट ने 7.4 करोड़ गरीब महिलाओं को सितंबर तक 3 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने की अनुमति दी, योजना पर 13,500 करोड़ रुपए का खर्च होगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत शहरी प्रवासियों / गरीबों के लिए किफायती किराये के आवास परिसरों (AHRCs) के विकास को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। लगभग 3 लाख लोगों को इससे लाभ मिलेगा।
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