नई दिल्ली: भारतीय रेलवे 7 अगस्त 2020 से खराब होने वाले सामानों के परिवहन के लिए किसान रेल सेवाएं (Kisan Rail services) शुरू करेगा, गुरुवार को बताया गया कि ऐसी पहली ट्रेन सब्जियों और फलों को लेकर, महाराष्ट्र में देवलाली और बिहार के दानापुर के बीच चलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल की शुरुआत में अपने बजट भाषण में इस पहल की घोषणा की थी, जिसमें पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड के माध्यम से एक कोल्ड सप्लाई चेन के लिए खराब होने वाले सामानों के परिवहन की परिकल्पना की गई थी।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जैसा कि वर्तमान वर्ष के बजट में 'किसान रेल' (Kisan Rail) को शुरू करने की घोषणा की गई है, जो कि खराब होने वाली उपज की निर्बाध आपूर्ति सीरीज प्रदान करने के लिए है। रेल मंत्रालय साप्ताहिक आधार पर 7 अगस्त को सुबह 11 बजे देवलाली से दानापुर के लिए पहली किसान रेल शुरू कर रहा है। ट्रेन अगले दिन शाम को 6.45 बजे दानापुर पहुंचेगी, 31.45 घंटे में 1,519 किमी की दूरी तय करेगी।
रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया मध्य रेल द्वारा किसानों को राहत पहुंचाने के लिए सप्ताहिक "किसान विशेष पार्सल ट्रेन" 7 अगस्त से 30 अगस्त तक देवलाली (महाराष्ट्र) और दानापुर (बिहार) के बीच चलाने जा रही है, जिससे सब्जियां, फल इत्यादि चीजें समय पर उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
मध्य रेलवे, भुसावल डिवीजन मुख्य रूप से एक कृषि आधारित डिविजन है। नासिक और आसपास के इलाकों में ताजी सब्जियां, फल, फूल, अन्य खराब होने वाल सामानों, प्याज और अन्य कृषि प्रोडक्ट्स की बड़ी मात्रा में उत्पादन होता है। ये खराब होने वाले सामान मुख्य रूप से पटना, इलाहाबाद, कटनी, सतना और अन्य क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्रों में पहुंचाए जाते हैं।
किसान रेल नासिक रोड, मनमाड, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मानिकपुर, प्रयागराज छेओंकी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में निर्धारित स्थान पर रूकेगी।
स्थानीय किसानों, लोडरों, एपीएमसी और व्यक्तियों के साथ तेज गति से मार्केटिंग की जा रही है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में व्यापक प्रचार किया जा रहा है। डिमांड को एकत्र किया जा रहा है और उम्मीद है कि ट्रेन को अच्छी तरह से संरक्षण दिया जाएगा और इससे बहुत मदद मिलेगी।" बयान में कहा गया है कि इस ट्रेन के भाड़े के रूप में किसानों को 'पी' स्केल पर चार्ज देना होगा। वर्ष 2009-10 के बजट में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी द्वारा खराब होने वाले सामानों के लिए रेफ्रीजरेटेड पार्सल वैन के उपयोग के प्रस्ताव की घोषणा की गई थी। हालांकि यह असफल रहा।
तब से, रेलवे ने गाजीपुर घाट (यूपी), न्यू आजादपुर (आदर्श नगर, दिल्ली) और राजा का तालाब (यूपी) में तापमान नियंत्रण वाले खराब होने वाले कार्गो केंद्रों को कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CONCOR) ने CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व) पहल के माध्यम से किसान विजन प्रोजेक्ट के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया है। महाराष्ट्र के नासिक के लासलगांव में एक और परियोजना निर्माणाधीन है।
Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।