प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने एक स्टडी के आधार पर सिफारिश की है कि सरकार एक यूनिवर्सल पेंशन आय कार्यक्रम शुरू करते समय रिटायरमेंट की आयु (Retirement age) में वृद्धि करे और देश में बुजुर्गों के लिए आय सुरक्षा में सुधार के लिए प्रति माह 1,500-2,500 रुपए की न्यूनतम पेंशन (Minimum pension) का भुगतान करे। EAC-PM की ओर से इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस (IFC) द्वारा पूरे भारत में बुजुर्गों के लिए जीवन की गुणवत्ता पर सूचकांक को संकलित करने के लिए अध्ययन किया गया। सूचकांक राज्यों में वित्तीय भलाई, सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य प्रणाली और बुजुर्गों के लिए आय सुरक्षा पर राज्यों को रैंक करता है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स, 2019 के अनुसार, वर्ष 2050 तक भारत में बुजुर्गों की संख्या 319 मिलियन होने की उम्मीद है। यह जनसंख्या का 19.5% होगा। 2019 तक भारत में 139 मिलियन थे, जो आबादी के 10% 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के थे।
इसने सुझाव दिया है कि सरकार आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत चिन्हित जिलों में रहने वाले सभी बुजुर्ग लोगों के लिए यूनिवर्सल पेंशन आय कार्यक्रम पर एक पायलट लॉन्च करे। यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि पेंशन देश में न्यूनतम मजदूरी से कम से कम 50% अधिक हो। प्रकाशन ने अध्ययन के हवाले से कहा कि यह एक गैर-अंशदायी योजना भी होनी चाहिए, जिसमें समग्र पेंशन राशि को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समान रूप से वित्तपोषित किया जाए। अध्ययन में आगे कहा गया है कि पेंशन राशि बजटीय टैक्सेशम साधनों पर आधारित होनी चाहिए और डायरेक्ट बेनिफिट्स ट्रांसफर के जरिये जमा की जानी चाहिए।
रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड-19 महामारी ने कुछ आवश्यकताओं की गंभीरता को रेखांकित किया है, जैसे कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और जागरूकता, पानी और स्वच्छता सुविधाएं, पोषण और रहने की जगह की आवश्यकता जहां सामाजिक दूरी संभव है। अध्ययन ने सुझाव दिया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना और आईजी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना जैसी मौजूदा वृद्धावस्था योजनाओं के तहत राशि को जल्द से जल्द बढ़ाने की जरूरत है। दोनों योजनाओं के तहत पेंशन 300-500 रुपए प्रति माह है।
रिपोर्ट में कई अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिकों को इसके दायरे में लाने के लिए योजना को मजबूत करने के अलावा, अटल पेंशन योजना की वित्तीय स्थिरता में सुधार की सिफारिश की गई है। रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने का सुझाव इसे बढ़ती जीवन प्रत्याशा के साथ संरेखित करना है। इसने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लंबे समय में रिटायरमेंट में बिताए गए कामकाजी जीवन का अनुपात कम से कम स्थिर रहे।
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