नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 23 जून को कहा कि उसने भगोड़े अरबपतियों विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़े मामलों में कुर्क या जब्त की गई संपत्ति का एक हिस्सा सरकारी बैंकों और केंद्र सरकार को हस्तांतरित कर दिया है। जब्त की गई 18,170.02 करोड़ रुपए की संपत्ति में से ईडी ने कहा कि उसने 9,371.17 करोड़ रुपए केंद्र सरकार और सरकारी बैंकों को ट्रांसफर कर दिए हैं।
ईडी ने एक ट्वीट में कहा कि ईडी ने पीएमएलए के तहत विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के मामले में न केवल 18,170.02 करोड़ रुपए (बैंकों को हुए कुल नुकसान का 80.45%) की संपत्ति कुर्क/जब्त की, बल्कि 9,371.17 करोड़ रुपए की कुर्क/जब्त संपत्ति का एक हिस्सा भी बैंकों और केंद्र सरकार ट्रांसफर कर दिया।
पंजाब नेशनल बैंक घोटाले और भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स से जुड़े धोखाधड़ी मामलों में बैंकों को हुऐ नुकसान का 40% पैसा मनी लॉन्ड्रिंग निवारण कानून (पीएमएलए) के तहत कुर्क शेयरों को बेचकर प्राप्त कर लिया गया है। ईडी ने कहा कि ऋण वसूली प्राधिकरण (डीआरटी) ने माल्या को पैसा कर्ज के तौर पर देने वाले भारतीय स्टेट बैंक नीत सहायता संघ की ओर से बुधवार को यूनाइटेड ब्रीवरीज लिमिटेड (यूबीएल) के 5,800 करोड़ रुपए से अधिक के शेयर बेचे जिन्हें पूर्व में एजेंसी ने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत कुर्क किया था।
यह कुर्की पूर्व में ईडी ने 65 वर्षीय माल्या के खिलाफ अपनी आपराधिक जांच के तहत की थी जो अब ब्रिटेन में है और उसकी भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ दायर याचिका अस्वीकार कर दी गई है।
ईडी ने कहा कि डीआरटी की कार्रवाई से पहले एजेंसी ने मुंबई में विशेष पीएमएलए अदालत के निर्देश पर उसके द्वारा यूबीएल के करीब 6,600 करोड़ रुपये के कुर्क शेयरों को एसबीआई नीत संघ को हस्तांतरित करने के बाद की गई है। इसने कहा कि माल्या और पीएनबी घोटाले में शामिल भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी ने अपनी कंपनियों क जरिए निधि की हेरा-फेरी कर सरकारी बैंकों के साथ धोखाधड़ी की जिससे बैंकों को कुल 22,585.83 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत संपत्ति कुर्क की है। ईडी ने कहा कि उसने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय लेन-देन के जाल का पर्दाफाश करके और विदेशों में संपत्ति को छिपाकर मनी ट्रेल का पता लगाया। जांच में पता चला कि तीनों आरोपियों ने बारी-बारी से अपने द्वारा नियंत्रित नकली संस्थाओं का इस्तेमाल किया और बैंकों द्वारा उपलब्ध कराए गए धन का गबन किया।
माल्या अब बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक थे और बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज लिया था। हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ऋण धोखाधड़ी मामले में आरोपी हैं।
ईडी ने यह भी कहा कि प्रत्यर्पण अनुरोध उन देशों को भेजे गए हैं जहां तीनों आरोपी रह रहे हैं। जहां माल्या और मोदी लंदन (यूके) में रहते हैं, वहीं चोकसी भारत से भागकर एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा है।
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