Petrol Diesel Price: दुनियाभर में कच्चे तेल (Crude Oil) की बढ़ती कीमतों को कम करने के लिए कई देश अपने स्तर पर समस्या से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। भारत ने भी कच्चे तेल की कीमतों में कमी लाने के लिए कदम उठाया है। इसके लिए भारत अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के साथ तालमेल बिठाकर अपने रणनीतिक तेल भंडार (strategic oil reserve) से 50 लाख बैरल तेल की निकासी की योजना बना रहा है।
इस संदर्भ में सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, 'रणनीतिक भंडार से निकाले जाने वाला कच्चा तेल मंगलूरू रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड (MRPL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPCL) को बेचा जाएगा।' ये दोनों सरकारी तेल इकाइयां रणनीतिक तेल भंडार से पाइपलाइन के जरिए जुड़ी हुई हैं।
भारत पूर्वी और पश्चिमी तट पर तीन स्थानों पर गुफाओं में लगभग 38 मिलियन बैरल कच्चे तेल का भंडारण करता है। एक अधिकारी ने बताया कि इसमें से सात से 10 दिनों में लगभग 5 मिलियन बैरल तेल की निकासी शुरू हो जाएगी। अधिकारी ने कहा कि, 'हम बाद में और भंडार जारी करने पर विचार कर सकते हैं।' इसकी औपचारिक घोषणा बाद में होने की उम्मीद है।
अमेरिका ने दिया सुझाव
मालूम हो कि अमेरिका ने तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक (OPEC) द्वारा कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का अनुरोध ठुकराए जाने के बाद प्रमुख तेल उपभोक्ता देशों से अपने भंडार से कुछ तेल निकालने का सुझाव दिया था। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, पेट्रोलियम और विदेश मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने इसके लिए सोमवार को देर तक काम भी किया था।
जापान भी कर रहा है प्रस्ताव पर विचार
जापान भी अमेरिका के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। यदि चीन, जापान, भारत, दक्षिण कोरिया और अमेरिका एक समन्वित रिलीज के लिए सहमत होते हैं, तो यह तेल बाजार के इतिहास में इस तरह का पहला उदाहरण होगा। फिलहाल ब्रेंट क्रूड का भाव 79 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि समन्वित रिलीज का कीमतों पर अस्थायी प्रभाव पड़ेगा। उनका मानना है कि यह OPEC+ को आपूर्ति बढ़ाने के लिए दबाव डाल सकता है।
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