नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वित्तीय घाटे (Fiscal Deficit) के आंकड़े जारी कर दिए हैं। अप्रैल से जून की अवधि के दौरान भारत का राजकोषीय घाटा 3.52 मिलियन रुपये या वार्षिक अनुमान का 21.2 फीसदी रहा। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 18.2 फीसदी था। कुल प्राप्तियां 5.96 ट्रिलियन रुपये (बजटीय लक्ष्य का 26.1 फीसदी) रही, जबकि जून में समाप्त तिमाही के दौरान कुल व्यय 9.48 ट्रिलियन रुपये (बजट लक्ष्य का 24 फीसदी) था।
राजस्व प्राप्तियां 5.68 ट्रिलियन रुपये थी, जिसमें से टैक्स रेवेन्यू 5.06 ट्रिलियन रुपये और नॉन टैक्स रेवेन्यू 621.60 अरब रुपये था। राजस्व घाटा 2.05 लाख करोड़ रुपये था। पिछले महीने की बात करें, तो जून में वित्तीय घाटा 1.51 लाख करोड़ से घटकर 1.48 लाख करोड़ हो गया। इस दौरान जून में रेवेन्यू स्पेडिंग 7.1 लाख करोड़ से बढ़कर 7.72 लाख करोड़ हो गई।
सिर्फ इस सेक्टर में आया संकुचन
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्रों (Core sector output) की वृद्धि जून में 12.7 फीसदी बढ़ी, जो एक साल पहले की अवधि में 9.4 फीसदी थी। पिछले महीने आठ प्रमुख क्षेत्रों में वार्षिक आधार पर 18.1 फीसदी का विस्तार हुआ था। सरकार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कोयला, सीमेंट, बिजली, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात और नैचुरल गैस इंडस्ट्रीज का उत्पादन जून में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में बढ़ा है। क्रूड ऑयल एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जिसमें संकुचन देखा गया।
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