नई दिल्ली: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों का लाभ लेने के लिए सरकार ने कई शर्तें तय की हैं। इसके तहत एक ऐसा भी प्रावधान है, जिसके जरिए सरकारी कर्मचारी भी योजना का लाभ उठा सकते हैं। यानी उन्हें भी साल में 6000 रुपये मिल सकते हैं।
किन सरकारी कर्मचारियों को मिल सकता है पैसा
पीएम किसान सम्मान निधि की एफ एंड क्यू (F&Q)के अनुसार सरकारी संस्थानों में काम करने वाले मल्टी टॉस्किंग स्टॉफ, ग्रुप-डी और चतुर्थ श्रेणी के कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारी योजना का लाभ ले सकते हैं। अगर उनके परिवार से किसी ने लाभ नहीं लिया है।
योजना का इन्हें नहीं मिलता है लाभ
ऐसे लोग जिनके पास खेती की जमीन है लेकिन इनकम टैक्स भरते हैं। डॉक्टर चार्टर्ड अकाउंटेट, वकील, इंजीनियर,आर्किटेक्ट जैसे लोग जो प्रोफेनल्स के रुप में रजिस्टर्ड हैं। और प्रैक्टिस करते हैं। रिटायर्ड कर्मचारी जिनकी पेंशन 10 हजार रुपये से ज्यादा है।
इसी तरह केंद्र, राज्य,पब्लिक सेक्टर कंपनियों के ऑफिसर और रिटायर्ड ऑफिसर, केंद्र और राज्य सरकारों के मंत्री, एमपी, एमएलए,एमएलसी, मेयर, जिला पंचायत के मौजूदा और पूर्व चेयरमैन योजना का लाभ नहीं ले सकते हैं। संवैधानिक पदों पर बैठे मौजूदा और पदमुक्त हो चुके लोग भी योजना के दायरे में नहीं आते हैं। और संस्थागत रूप से भूमि स्वामियों को योजना का लाभ नहीं मिलता है।
लाभार्थियों की ये गलतियां भी पड़ती हैं भारी
अगर कोई किसान खेती की जमीन पर खेती नहीं कर रहा है, और उसका इस्तेमाल दूसरे काम के लिए किया जा रहा है, तो उसे योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसी तरह अब किस्त की राशि पाने के लिए ई-केवाईसी जरूरी हो गया है। ऐसे में 10 वीं किस्त के लिए ई-केवाईसी कराना जरूरी है। योजना की शुरुआत किसान परिवारों के लिए की गई है। ऐसे में परिवार का एक ही सदस्य योजना का लाभ हासिल कर सकता है। पति और पत्नी दोनों इस योजना का लाभ नहीं उठा सकते हैं, उनमें से केवल एक ही यानी पति या पत्नी योजना के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। वहीं गलत जानकारी देकर अगर कोई व्यक्ति योजना का लाभ लेता है, तो उसका न केवल आवेदन निरस्त किया जाएगा, बल्कि उसे दी गई राशि भी वसूली जाएगी। हालांकि इस पर कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
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