कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप ने पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) जारी करने और रिटायर होने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया में देरी कर दी है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि पेंशनभोगियों को असुविधा न हो, सरकार ने उनकी नियमित पेंशन जारी होने तक प्रोविजनल पेंशन जारी करने का फैसला लिया है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पेंशन विभाग के पास एक पोर्टल है जिसे किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा अपने पेंशन पेपर्स की स्थिति का पता लगाने के लिए संपर्क किया जा सकता है।
कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण ऑफिसियल कार्यों में व्यवधान के चलते डॉ. सिंह ने कहा कि हो सकता है इस अवधि के दौरान रिटायर हुए कुछ कर्मचारियों को PPO प्रदान नहीं किया गया हो। CCS (पेंशन नियम) 1972 के तहत नियमित पेंशन शुरू करने में देरी से बचने के लिए, नियमित PPO जारी होने तक प्रोविजनल पेंशन और प्रोविजनल ग्रेच्युटी के निर्बाध भुगतान को सक्षम करने के लिए नियमों में ढील दी गई है।
प्रोविजनल पेंशन का भुगतान शुरू में रिटायरमेंट की तारीख से 6 महीने की अवधि के लिए जारी रहेगा और असाधारण मामलों में प्रोविजनल पेंशन की अवधि को एक साल तक बढ़ाया जा सकता है। ये निर्देश उन मामलों में भी लागू होंगे, जहां कोई सरकारी कर्मचारी FR 56 के तहत स्वैच्छिक रिटायरमेंट लिया हो।
महामारी और लॉकडाउन की बाधाओं के कारण यह फैसला लिया गया, एक सरकारी सर्वेंट को अपने पेंशन फॉर्म जमा करने में कठिनाई हो सकती है या समय पर सर्विस बुक के साथ हार्ड कॉपी में क्लेम फॉर्म को आगे बढ़ाने में सक्षम नहीं हो सकता है। खासकर जब दोनों कार्यालय अलग-अलग शहरों में स्थित हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि यह केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के लिए बहुत प्रासंगिक है जो लगातार एक जगहों से दूसरी जगहों पर मूव करते रहते हैं और जिनके हेड ऑफिस वेतन और अकाउंट ऑफिस से दूर दूसरे शहरों में स्थित हैं।
एक अन्य सर्कुलर में, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) ने सभी कार्यालयों में GPF (सामान्य भविष्य निधि) खातों को बनाए रखने का निर्देश दिया है, जो रिटायरमेंट से दो साल पहले और फिर एक साल पहले कर्मचारियों को ब्याज अर्जित करने समेत सभी क्रेडिट प्रविष्टियों को पूरा करने के लिए है ताकि प्रोविडेंट फंड का भुगतान भी समय पर किया जाता है।
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