केंद्रीय बजट में ड्रोन शक्ति की घोषणा के साथ उद्योग को 2021 में ड्रोन नियम के उदारीकरण के बाद एक बड़ा समर्थन मिला। वित्त मंत्री ने कहा कि ड्रोन शक्ति की सुविधा के लिए स्टार्ट-अप को बढ़ावा दिया जाएगा जिसमें 'ड्रोन एक सेवा के रूप में' होगा। चालू वित्त वर्ष के बजट की ड्रोन शक्ति घोषणा इस उभरते उद्योग के प्रति सरकार की स्पष्ट दृष्टि और ध्यान को साबित करती है। ड्रोन शक्ति और किसान ड्रोन निश्चित रूप से इस तकनीक को जमीनी स्तर पर आम लोगों को बड़े पैमाने पर प्रभावित करने में मदद करेंगे।
ड्रोन को कई सेक्टर में किया जा रहा है इस्तेमाल
देश भर में 150 किलोग्राम से अधिक वजन वाले बड़े मानव रहित विमान प्रणालियों के उपयोग का गवाह बनेगा। किसान ड्रोन का उपयोग पहले से ही फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव के लिए किया जा रहा है, और कृषि और कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी की लहर को बढ़ावा देने की उम्मीद है। रेलवे सुरक्षा के लिए निगरानी प्रणालियों में भी ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है।भारत में, कोविड -19 टीके देने के लिए ड्रोन भी तैनात किए गए थे। आईसीएमआर के नेतृत्व में पायलट प्रोजेक्ट को मणिपुर, नागालैंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी शुरू किया जा रहा है। ड्रोन का इस्तेमाल कोविड-19 हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन की निगरानी के लिए भी किया जा रहा है।
अगस्त 2021 में बनी थी नीति
अगस्त 2021 में घोषित केंद्र की नई ड्रोन नीति को सुरक्षा और सुरक्षा के लिहाज से संतुलित करते हुए सुपर-नॉर्मल ग्रोथ के युग की शुरुआत करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि ये नियम विश्वास, स्व-प्रमाणन और गैर-घुसपैठ निगरानी के आधार पर बनाए गए थे। इसे एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए प्रधान मंत्री मोदी ने कहा था कि नया ड्रोन भारत में इस क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक क्षण की शुरूआत करता है। नियम विश्वास और आत्म-प्रमाणन के आधार पर आधारित हैं।
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अनुमोदन, अनुपालन आवश्यकताओं और प्रवेश बाधाओं को किया गया है। काफी कम किया गया। विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या, निर्माण का प्रमाण पत्र और अन्य लोगों के बीच उड़ान योग्यता सहित कई अनुमोदनों को हटा लिया गया था। आवश्यक प्रपत्रों की संख्या भी 25 से घटाकर 5 कर दी गई साथ ही करीब 72 तरह की फीस को घटा कर 4 कर दिया गया है।
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