नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान उड़ानें रद्द होने के मद्देनजर विमान यात्रियों और ट्रैवेल एजेन्टों को टिकटों के पैसों की वापसी के तरीके के बारे में शुक्रवार तक स्थिति स्पष्ट करे। शीर्ष अदालत ने केंद्र को विमान यात्रियों के टिकटों का पैसा लौटाने के तरीके के संबंध में 25 सितंबर तक नया हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने स्वीकार किया कि मौजूदा हलफनामा ठीक से तैयार नहीं किया गया है।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने कहा कि उसका सरोकार धन लौटाने और लॉकडाउन के दौरान बुक किये गये टिकटों का पैसा नहीं लौटाने के सवाल तक सीमित है। गैर सरकारी संगठन ‘प्रवासी लीगल सेल’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि अगर कोई एयर इंडिया और इंडिगो आदि विमान से यात्रा के लिए टिकट बुक कराता है, भारत से बाहर जाता है तो उसी स्थिति में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय का यह हलफनामा लागू होगा। उन्होंने कहा कि महानिदेशालय को उन लोगों को भी धन वापसी के लिए इसमें शामिल करना चाहिए जिन्होंने खाड़ी के देशों जैसे गंतव्यों से भारत लौटने के लिए टिकट बुक कराए थे। इसलिए इस विवाद को हल करने की आवश्यकता है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए की ओर से सॉलिसीटर जरनल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार ने सभी की भलाई को ध्यान में रखते हुए टिकटों का पैसा लौटाने का फैसला लिया है और इसका उचित समाधान निकाल लिया जाएगा। मेहता ने कहा कि यात्रियों और विमान कंपनियों के हितों को ध्यान में रखते हुए ही निर्णय लिया गया है।
पीठ ने सालिसीटर जनरल से जानना चाहा कि मान लीजिए कि लॉकडाउन से एक दिन पहले एक यात्री लॉकडाउन के दौरान यात्रा के लिए टिकट बुक कराता है तो उसकी टिकट के पैसे की वापसी का क्या होगा। मेहता ने कहा कि उसे तत्काल पैसा वापस नहीं मिलेगा। इस पर पीठ ने जानना चाहा कि उन ट्रैवेल एजेन्टों का क्या होगा जिन्होंने बुक कराये गए टिकटों के लिए पहले ही भुगतान कर दिया है। पीठ ने मेहता से कहा कि आप कहते हैं कि यात्री को क्रेडिट लाभ मिलेगा लेकिन ट्रैवेल एजेन्ट के मामले में क्या होगा अगर यात्री को बुक कराए गए टिकट का अभी भुगतान करना हो तो।
एयर विस्तारा और एयर एशिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि आमतौर पर ट्रैवल एजेन्ट विमान कंपनियों के पास एक करोड़ रूपए तक धन जमा करा देते हैं और प्रत्येक टिकट बुक होने पर इसमें शेष कम होता जाता है। उन्होंने कहा कि अगर यात्री ने अभी तक टिकट का पैसा नहीं दिया है तो विमान कंपनियों के पास जमा धन में से ट्रैवेल एजेन्ट को वापस मिलेगा। पीठ ने टिकट का पैसा लौटाने के विभिन्न तरीकों पर चर्चा के दौरान मेहता से जानना चाहा कि अगर ट्रैवल एजेन्ट के माध्यम से टिकट बुक कराया गया हो तो क्या धन वापसी का वाउचर उन्हें नहीं दिया जाना चाहिए।
सुनवाई के दौरान पैसेन्जर्स एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी ए सुन्दरम, ट्रैवल एजेन्ट्स फेडरेशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पल्लव सिसोदिया और कुछ विमान कंपनियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने भी दलीलें पेश कीं। कोर्ट ने नौ सितंबर को केन्द्र से जानना चाहा था कि क्या वह कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान विमान यात्रा के लिए बुक कराए गए टिकटों का पूरा पैसा वापस करने के लिए तैयार है। पीठ ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए इस मामले की सुनवाई के दौरान नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के हलफनामे का जिक्र किया था जिसमें कहा गया था कि लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों का पूरा पैसा विमान कंपनियों द्वारा लौटाया जाएगा।
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