GST स्लैब में जल्द हो सकते हैं बदलाव, 17 जून को होगी मंत्री समूह की बैठक

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jun 15, 2022 | 18:21 IST

17 जून को मंत्री समूह की बैठक होगी। इसमें GST स्लैब के मर्जर के साथ-साथ मौजूदा दर स्ट्रक्चर में बदलाव के प्रस्ताव की समीक्षा की जाएगी।

Group of Ministers GST Council meeting on 17 June
GST स्लैब के मर्जर के साथ स्ट्रक्चर में हो सकता है बदलाव (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • जीएसटी के तहत के चार स्लैब हैं।
  • कुछ जरूरी वस्तुओं पर छूट मिलती है या इनपर पांच प्रतिशत की दर से कम टैक्स लगता है।
  • 28 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में आने वाले सामान पर उपकर भी लगाया जाता है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार माल एवं सेवा कर (Goods And Services Tax) में बड़ा बदलाव कर सकती है। जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के लिए गठित मंत्रियों का समूह शुक्रवार यानी 17 जून को बैठक करेगा। इस जीएसटी बैठक में टैक्स दरों में संभावित बदलाव पर चर्चा होगी। इस संदर्भ में सूत्रों ने कहा कि मंत्री समूह टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव पर विचार कर सकता है।

जीएसटी काउंसिल में केंद्र- राज्यों के वित्त मंत्री शामिल
माल एवं सेवा कर काउंसिल (GST Council) की इस महीने बैठक होगी। बैठक में अन्य बातों के अलावा दरों को युक्तिसंगत बनाने को लेकर जीओएम की अंतरिम रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा। जीएसटी परिषद में केंद्र एवं राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं।

नवंबर 2021 में हुई थी पिछली बैठक
इससे पहले, वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा था कि महंगाई के उच्च स्तर पर होने के साथ प्रोडक्ट्स और सर्विस पर जीएसटी रेट को युक्तिसंगत बनाने की शायद गुंजाइश है। उल्लेखनीय है कि काउंसिल ने पिछले साल कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में राज्यों के मंत्रियों का सात सदस्यीय समूह गठित किया था। समूह को कर दरों को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने के उपायों के बारे में सुझाव देने हैं। जीओएम की पिछली बैठक नवंबर, 2021 को हुई थी।

जीएसटी ने कारोबार को आसान किया
भारतीय उद्योग जगत की करीब 90 प्रतिशत कंपनियों मानना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली ने देशभर में अवरोधकों को दूर करके कारोबार को सुगम बनाया है। डेलॉयट के एक सर्वेक्षण में यह कहा गया है। 'डेलॉयट जीएसटी @5 सर्वे 2022' के मुताबिक जीएसटी प्रणाली ने उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली कीमतों, वस्तुओं एवं सेवाओं के दाम को भी सकारात्मक तरीके से प्रभावित किया है और यह आपूर्ति श्रृंखलाओं के अनुकूलन के लिहाज से भी कंपनियों के लिए मददगार है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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