GST रेट में हो सकते हैं बड़े बदलाव, कमाई बढ़ाने के चक्कर लगेगा महंगाई का करंट !

GST Council Meeting: GST काउंसिल एंट्री लेवल टैक्स रेट में अहम बदलाव कर सकती है। इसके तहत 5 फीसदी टैक्स स्लैब को खत्म किया जा सकता है। और उसके बदले दो नए टैक्स स्लैब 3 और 8 फीसदी के बनाए जा सकते हैं।

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जीएसटी टैक्स स्लैब में होंगे बड़े बदलाव !  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • 5 फीसदी टैक्स स्लैब के कई सारे आयटम को 8 फीसदी के स्लैब में शामिल किया जा सकता है।
  • Exempt List से बाहर हो सकते हैं कई उत्पाद, जिसका भी असर आम आदमी के जेब पर पड़ेगा।
  • एक फीसदी टैक्स बढ़ोतरी पर करीब 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। 

नई दिल्ली: अगले महीने महंगाई का एक और करंट लग सकता है। राज्यों की कमाई बढ़ाने के लिए GST काउंसिल एंट्री लेवल टैक्स रेट में अहम बदलाव कर सकती है। इसके तहत 5 फीसदी टैक्स स्लैब को खत्म किया जा सकता है। और उसके बदले दो नए टैक्स स्लैब 3 और 8 फीसदी के बनाए जा सकते हैं। प्रस्ताव के अनुसार मौजूदा 5 फीसदी टैक्स स्लैब के कई सारे आयटम को 8 फीसदी के स्लैब में शामिल किया जा सकता है। जबकि कई जरूर आयटम को 3 फीसदी टैक्स स्लैब में शामिल किया जा सकता है। इसी तरह Exempt List भी छोटी हो सकती है। जिसका सीधा असर आम आदमी के जेब पर पड़ेगा।

क्या है तैयारी 

न्यूज एजेंसी पीटीआई  के अनुसार जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) काउंसिल की बैठक अगले महीने होनी है। इस बैठक में काउंसिल नए प्रस्तावों पर विचार कर सकती है। इसके तहत  अनुसार ज्यादातर उपभोग वाली वस्तुओं को तीन फीसदी के कर स्लैब में रखा जाएगा और बाकी बची वस्तुओं को आठ फीसदी स्लैब के तहत कर दिया जाएगा। 

अभी, जीएसटी में चार टैक्स स्लैब है। जिसमें 5, 12, 18 और 28 फीसदी रेट आयट पर लगते हैं। इसके अलावा सोना और सोने के आभूषणों पर तीन फीसदी जीएसटी लगता है। सूत्रों के अनुसार अधिकांश राज्य क्षतिपूर्ति अनुदान के लिए केंद्र पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए राजस्व बढ़ाने के लिए तैयार हैं। ऐसे मेंबढ़े टैक्स स्लैब में जाने वाले आयटम की कीमतों में बढ़ोतरी होनी तय है।

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Exempt List से बाहर हो सकते हैं कई उत्पाद

रिपोर्ट के अनुसार जीएसटी काउंसिल Exempt List में शामिल कुछ गैर खाद्य उत्पादों को रेवेन्यू बढ़ाने के लिए 3 फीसदी वाले टैक्स स्लैब में शामिल किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो फिर Exempt List से हटने वाले उत्पादों के दाम भी बढ़ जाएंगे। जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ेदगा। अगर 5 फीसदी स्लैब में एक फीसदी टैक्स का इजाफा होता है तो इससे लगभग 50,000 करोड़ रुपये सालाना अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। 

खत्म होने वाली है क्षतिपूर्ति अनुदान व्यवस्था

जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की व्यवस्था इस साल जून में समाप्त होने वाली है। ऐसे में राज्य यह चाहते हैं कि जीएसटी कलेक्शन में राजस्व के अंतर को खत्म करने के लिए केंद्र पर निर्भर न रहें। काउंसिल ने पिछले साल राज्य मंत्रियों के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। समिति को टैक्स स्लैब को युक्तिसंगत बनाकर राजस्व बढ़ाने के उपाय सुझाने का जिम्मा दिया गया था।

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