HDFC Home Loan:एचडीएफसी ने बढाई ब्याज दरें, 'होम लोन' होगा महंगा, जानें आपकी EMI पर कितना पड़ेगा असर 

बिजनेस
रवि वैश्य
Updated May 07, 2022 | 17:00 IST

HDFC Home Loan Upadate: आईसीआईसीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा के बाद अब एचडीएफसी बैंक ने भी मौजूदा ग्राहकों के लिए होम लोन महंगा कर दिया है।

HDFC Home Loan Upadate
एचडीएफसी ने मई की शुरुआत में भी अपनी बेंचमार्क उधारी दर में 0.05 फीसदी की वृद्धि की थी  

नयी दिल्ली:  एचडीएफसी (HDFC) ने शनिवार को अपनी रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (RPLR) में  वृद्धि की घोषणा की। नई दरें 9 मई से लागू होंगी। होम लोन देने वाली कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Ltd.) ने अपनी मानक उधारी दर में शनिवार को 0.30 फीसदी की बढ़ोतरी करने की घोषणा की जिससे उसके मौजूदा एवं नए दोनों ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा हो जाएगा।

एचडीएफसी ने यह कदम बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से रेपो दर में की गई 0.40 फीसदी की वृद्धि के बाद उठाया है। इसके पहले आईसीआईसीआई बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया समेत कई अन्य ऋणदाता संस्थान भी दरों में बढ़ोतरी कर चुके हैं।

6.75 फीसदी के बजाए 7.05 फीसदी के हिसाब से EMI भरनी होगी

नई दरें 9 मई से लागू होंगी, 750 क्रेडिट स्कोर वालों को अब तक जो ब्याज 6.70 फीसदी थी, उनकी EMI की गणना अब 7.00 फीसदी के हिसाब से होगा। वहीं महिलाओं को 30 लाख रुपए तक के होम लोन पर अब 6.75 फीसदी के बजाए 7.05 फीसदी के हिसाब से EMI भरना होगी।

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नई दरें अब इतनी हो गई

एचडीएफसी ने कहा, 'एचडीएफसी ने आवासीय ऋण पर अपनी खुदरा मुख्य उधारी दर (RPLR) में 30 आधार अंकों की वृद्धि कर दी है। यह बढ़ोतरी नौ मई से प्रभावी होगी।' नए कर्जदारों के लिए संशोधित दरें उनकी साख एवं ऋण राशि के आधार पर सात फीसदी से लेकर 7.45 फीसदी के बीच हैं। इसका मौजूदा दायरा 6.70 प्रतिशत से लेकर 7.15 प्रतिशत है, एचडीएफसी के मौजूदा ग्राहकों की बात करें तो उनके लिए ब्याज दरों (HDFC Prime Lending Rate) में 0.30 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी।

मई की शुरुआत में भी  0.05 फीसदी की वृद्धि की थी

एचडीएफसी ने मई की शुरुआत में भी अपनी बेंचमार्क उधारी दर में 0.05 फीसदी की वृद्धि की थी जिससे मौजूदा कर्जदारों के लिए कर्जों की मासिक किस्त (EMI) महंगी हो गई थी। एचडीएफसी मौजूदा ग्राहकों को दिए गए कर्जों की नई कीमत तय करने के लिए तीन महीने के चक्र का पालन करता है। लिहाजा ऋणों के शुरुआती वितरण की तारीख के आधार पर बढ़ी हुई उधारी दर के आधार पर संशोधित किया जाएगा।


 

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