मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार (04 दिसंबर) को तीन दिनों तक चली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजे पेश किए। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि सर्वसम्मति से किसी तरह के ब्याज दरों बदलाव नहीं किया गया। प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 4% पर बरकरार रखा। हालांकि, आरबीआई ने मौद्रिक नीति के मामले में उदार रुख बरकरार रखा है। इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में जरूरत पड़ने पर वह नीतिगत दर में कटौती कर सकता है। रेपो रेट में बदलाव नहीं होने से लोगों के आवास, वाहन समेत अन्य किसी भी तरह के लोन पर ब्याज दरें वैसे ही रहेंगी जैसे पहले थीं।
एमपीसी की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति के उच्च स्तर को देखते हुए एमपीसी के सभी 6 सदस्यों ने आम सहमति से नीतिगत दर को यथावत रखने का निर्णय किया। उन्होंने यह भी कहा कि एमपीसी ने मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखने के साथ आर्थिक वृद्धि में सतत रूप से तेजी लाने और कोविड-19 के अर्थव्यवस्था पर पड़े प्रभाव को कम करने के लिए जबतक जरूरी हो, कम-से-कम चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष नरम रुख बरकरार रखने का फैसला किया है। आइए जानते हैं आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी (एमपीसी) की हुई बैठक की मुख्य बातें क्या हैं।
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