Fair & Lovely : 'फेयर एंड लवली' से 'फेयर' शब्द हटाएगी हिंदुस्तान यूनिलीवर, ये है वजह

बिजनेस
भाषा
Updated Jun 25, 2020 | 20:03 IST

Fair & Lovely : हिंदुस्तान यूनिलीवर लोकप्रिय बांड ‘फेयर एंड लवली’ से ‘फेयर’ शब्द हटाएगी। कंपनी इसके लिए यह स्पष्टीकरण दिया है।

Hindustan Unilever to remove the word Fair from Fair and Lovely, this is the reason
फेयर एंड लवली' से 'फेयर' शब्द हटेगा 
मुख्य बातें
  • हिंदुस्तान यूनिलीवर तेल, साबुन, सर्फ, क्रीम जैसे कई प्रोडक्ट्स बनाती है
  • कंपनी इस बदलाव के तहत ‘फेयर एंड लवली फाउंडेशन’ के लिए भी नए नाम की घोषणा करेगी
  • 2019 में फेयर एंड लवली से दो चेहरों वाली तस्वीर हटाते हुए अन्य बदलाव किए थे

नई दिल्ली : बाजार में जल्द ही ‘फेयर एण्ड लवली’ (Fair & Lovely) के बदले ‘ग्लो एण्ड लवली’ नाम आपको सुनने को मिल सकता है। तेल, साबुन सहित दैनिक उपभोग के ऐसे कई उत्पाद बनाने वाली कंपनी हिन्दुस्तान यूनीलीवर ने अब ‘ग्लो एण्ड लवली’ के लिये ट्रेडमार्क पंजीकरण आवेदन किया है। कंपनी ने फेयर एण्ड लवली क्रीम उत्पाद से ‘फेयर’ शब्द को हटाने का फैसला किया है।

बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिलीवर पीएलसी की अनुषंगी यूनिलीवर ने हालांकि अपने ‘फेयर एण्ड लवली’ उत्पाद के लिये नये नाम की घोषणा नहीं की है लेकिन कंपनी ने ‘कंट्रोलर जनरल आफ पेटेंट डिजाइन एण्ड ट्रेडमार्क’ के पास 17 जून 2020 को ‘ग्लो एण्ड लवली’ नाम को पंजीकृत करने का आवेदन किया है। इससे संबंधित पोर्टल के मुताबिक कंपनी के आवेदन को ‘‘विएना कोडिफिकेशन’ के लिये भेजा गया है।

इस संबंध में हिन्दुस्तान यूनीलीवर लिमिटेड (एचयूएल) से संपर्क किए जाने पर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी ब्रांड के लिये ट्रेडमार्क सुरक्षा महत्वपूर्ण पहलू होता है और इस मामले में कंपनी ने 2018 में कई ट्रेडमार्क के लिये आवेदन किया है।

कंपनी का यह कदम ऐसे समय उठाया जा रहा है, जब नस्लीय आधार पर विभेद के खिलाफ दुनिया भर में आवाजें तेज हो रही हैं। हालांकि, कंपनी का कहना है कि उसके इस कदम का अभी पश्चिमी देशों में चल रहे नस्लवाद विरोधी आंदोलन से कोई लेना देना नहीं है। उसने कहा कि वह दो हजार करोड़ रुपये के अपने ब्रांड को बेहतर बनाने के लिये कई साल से काम कर रही है। कंपनी ने कहा कि त्वचा देखभाल से जुड़े उसके दूसरे उत्पादों के मामले में भी नया समग्र दृष्टिकोण अपनाया जाएगा, जिसमें हर रंग-रूप का ख्याल रखा जाएगा।

हिंदुस्तान यूनिलीवर लि. (एचयूएल) ने एक बयान में कहा कि कंपनी ब्रांड को आगे सुदंरता के दृष्टिकोण से और समावेशी बनाने के लिये कदम उठा रही है। इसके तहत कंपनी अपने ब्रांड ‘फेयर एंड लवली’ से ‘फेयर’ शब्द हटाएगी। नये नाम के लिये नियामकीय मंजूरी की प्रतीक्षा है। हम अगले कुछ महीनों में नाम में बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। 

कंपनी इस बदलाव के तहत ‘फेयर एंड लवली फाउंडेशन’ के लिये भी नये नाम की घोषणा करेगी। इस फाउंडेशन का गठन 2003 में महिलाओं को उनकी शिक्षा-दीक्षा पूरी करने में मदद के लिये वजीफा देने के इरादे से किया गया था। एचयूएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि फेयर एंड लवली में बदलाव के अलावा एचयूएल के त्वचा देखभाल से जुड़े अन्य उत्पादों में भी सकारात्मक खूबसूरती का नया दृष्टिकोण प्रतिबिंबित होगा।

यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी के इस कदम का नस्लवाद विरोधी आंदोलन से कोई संबंध है, मेहता ने कहा कि यह ऐसा निर्णय नहीं है, जो हमने आज लिया हो। इसकी कहानी कई सालों से चल रही है। उन्होंने कहा कि एक बड़ा ब्रांड, एक ऐसा ब्रांड जो दो हजार करोड़ रुपये का हो और कंपनी हमारी जैसी विश्लेषण पर आधारित हो, तो ऐसे में कोई भी बदलाव बिना व्यापक शोध के नहीं किया जाता है। यह कुछ ऐसा है, जिसके बारे में कई साल से सोचा जा रहा है और व्यापक शोध के बाद जब एक बार हमने यह समझ लिया कि इस बदलाव के क्या असर होंगे तथा उपभोक्ताओं की बदलती जरूरतें क्या हैं, तभी हमने इस बारे में निर्णय लिया है।

मेहता ने कहा कि कंपनी ने पिछले साल ही नाम बदलने का आवेदन दायर किया था और नकली उत्पादों से बचने के लिये अभी तक इसका खुलासा नहीं किया था। उन्होंने कहा कि 2019 में हमने फेयर एंड लवली से दो चेहरों वाली तस्वीर हटाते हुए अन्य बदलाव किये थे। साथ ही हमने ब्रांड ‘कम्युनिकेशन’ के लिये ‘फेयरनेस’ की जगह ‘ग्लो’ का उपयोग किया जो स्वस्थ्य त्वचा के आकलन के लिहाज से ज्यादा समावेशी है।

मेहता ने दावा किया कि बदलाव को ग्राहकों ने काफी पसंद किया है। उन्होंने कहा कि नये नाम को लेकर नियामकीय मंजूरी की प्रतीक्षा है। अगले कुछ महीनों में संशोधित नाम के साथ उत्पाद बाजार में उपलब्ध होगा। मेहता ने बताया कि अभी फेयर एंड लवली की 70 प्रतिशत बिक्री ग्रामीण इलाकों में होती है, जबकि शेष 30 प्रतिशत बिक्री शहरी बाजारों में होती है।

यूनिलीवर के अध्यक्ष (सौंदर्य एवं व्यक्ति रख-रखाव) सन्नी जैन ने इस बारे में कहा कि हम त्वचा के रख-रखाव से संबंधित उत्पादों के ऐसे वैश्विक पोर्टफोलियो के लिये प्रतिबद्ध हैं, जो समावेशी हो और हर रंग व रूप का ध्यान रखता हो। भारत में गोरेपन की क्रीम को बड़ा बाजार माना जाता रहा है। प्रॉक्टर एंड गैम्बल, गार्नियर (लॉरियल), ईमामी और हिमालय जैसी एफएमसीजी कंपनियां इस खंड में उत्पादों का विपणन करती हैं।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

अगली खबर