बेंगलुरू। आप को वो नजारा याद होगा जब शराब के लिए मीलों लंबी लाइन लगी तो कुछ राज्य सरकारों की तरफ से कड़े कदम उठाने पड़े। दिल्ली की अरविंदे केजरीवाल सरकार को कोरोना सेस के तौर पर 70 फीसद टैक्स लगाना पड़ गया। उस समय यह आवाज उठी की तरह जिस तरह सामानों की होम डिलीवरी हो रही है वैसे ही शराब की भी होम डिलीवरी होनी चाहिए। अब इस संबंध में बिग बास्केट ने बड़ा कदम उठाने का फैसला किया है। बिग बास्केट की तरफ से शराब की होम डिलीवरी हो सकती है। प्रबंधन का मानना है कि इससे प्रोडक्ट्स डिलीवरी में डाइवर्सिफिकेशन आएगा।
बिग बास्केट का क्या कहना है
इस संबंध में बिग बास्केट के को फाउंडर और सीईओ हरि मेनन ने कहा कि यह एक नई कैटेगरी है जिसे हम एक अवसर के तौर पर देख रहे हैं। अभी फिलहाल यह नहीं बता सकते कि इस नए सेगमेंट में कितना निवेश करेंगे और इससे क्या मार्जिन हासिल होगी। हम देख रहे हैं देश के 26 शहरों में जहां बिब बास्केट मौजूद है वहां स्थानीय नियम कानून के दायरे में किस तरह से एल्कोहल की डिलीवरी कर सकते हैं।
अमेज़ॉन भी रेस में !
इससे पहले जानकारी आई थी कि बिग बास्केट और अमेजॉन को पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से अल्कोहल के होम डिलीवरी की इजाजत मिल गई है, हालांकि इस खबर पर अमेजॉन ने प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया था। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां पर मई में शराब के होम डिलीवरी की इजाजत दी गई थी। स्विगी और जोमैटो रांची में शराब की होम डिलीवरी कर रहे हैं लेकिन वहां बिग बास्केट नहीं है।
रांची में शराब की होम डिलीवरी
यहां पर यह समझना जरूरी है कि शराब बिक्री को लेकर अलग अलग राज्यों में अलग अलग नीति है। गुजरात और बिहार में शराब की बिक्री पर रोक है, लेकिन तमिलनाडु में टीएएसएमएसी ही अल्कोहल के होलसेल बिक्री पर नियंत्रण है। कोरोना काल में राज्य सरकारों ने अपनी आय बढ़ाने के लिए शराब के होम डिलीवरी को मंजूरी दी है।
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