कई दशकों की तुलना में होम लोन ब्याज दरें कुछ समय से अपने सबसे निचले स्तर पर हैं और यहां तक कि कुछ बैंक फ्लोटिंग रेट लोन को 6.65% प्रतिवर्ष की दर से ऑफर कर रहे हैं। मौजूदा समय में ऐसे कम से कम 15 बैंक हैं जिनकी फ्लोटिंग ब्याज दरें 7% के स्तर के नीचे शुरू हो रही हैं और कम से कम 8 बैंक ऐसे हैं जो 8% से कम ब्याज दर पर होम लोन दे रहे हैं। अगर आप इसकी तुलना फरवरी, 2019 के ट्रेंड्स के साथ करते हैं, तो आपको पता लगेगा कि उस समय 8.65% प्रतिवर्ष फ्लोटिंग होम लोन ब्याज दर थी और अधिकांश बैंक उस समय 8.80% से 9.50% प्रतिवर्ष के बीच में ब्याज दर पर होम लोन दे रहे थे। इस तरह से, अगर आपके पास आवश्यक मार्जिन फंड्स हैं, आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है और आपके पास पर्याप्त रिपेमेंट क्षमता है, तो वास्तव में यह आपके घर खरीदने के सपने को पूरा करने का सबसे अच्छा समय है। वास्तव में, आप यह पाएंगे कि एक से अधिक बैंक समान एप्लिकेबल ब्याज दर की ऑफर कर रहे हैं। जिसकी वजह से हमने इस लेख के जरिए इस विषय पर चर्चा की है:-
अपने होम लोन उधारदाता को चुनते समय आपको बहुत ही सावधान रहना होगा क्योंकि 30 वर्ष की अवधि तक के लंबे समय की इन फाइनेंसिंग सुविधाओं पर लागू होने वाली ब्याज दरों में थोड़े से भी फर्क से भी आपकी ब्याज की अदायगी में बहुत बड़ा फर्क पड़ सकता है। इसलिए, एक भली भांति विचार करके निर्णय ले सकें, इसमें सहायता करने के लिए, आइये इस बात पर चर्चा करते हैं कि शुरुआत में ब्याज दर समान होने के बावजूद, दो होम लोन प्रोडक्ट्स किस प्रकार से अलग-अलग हो सकते हैं।
अक्तूबर, 2019 में, भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को अपने फ्लोटिंग रेट होम लोन को रेपो रेट, ट्रेजरी बिल यील्ड, एमआईबीओआर आदि जैसे एक्स्ट्रनल बैंचमार्क के साथ लिंक करने का निर्देश दिया था, ताकि उधारकर्ताओं को दर में कमी का तत्काल लाभ मिल सके। हालांकि अधिकांश बैंकों ने अपनी दरों को आरबीआई की रेपो रेट के साथ लिंक करने का निर्णय किया, कुछ ऐसे बैंक भी थे जिन्होंने अपने लोन को अन्य बैंचमार्क जैसे एमआईबीओआर, 6-महीने की सीडी की दर आदि के साथ लिंक करने का निर्णय किया। इसलिए, लोन प्रोडक्ट को चुनते समय, लागू ब्याज दर के साथ अंडरलाईंग एक्स्ट्रनल बैंचमार्क को भी जरूर जान लेना चाहिए। अगर बैंक के लोन प्रोडक्ट, रेपो रेट से जुड़े हैं, तो जब भी सेंट्रल बैंक द्वारा रेपो रेट में परिवर्तन किया जाता है, तो ब्याज दरों में तत्काल और उसी प्रोपोर्शन (अनुपात) में परिवर्तन देखने को मिलेंगे, इस प्रकार उधारकर्ता को ब्याज दर के ट्रेंड को समझने में सरलता और पारदर्शिता होगी। लेकिन हो सकता है कि यदि बैंक का लोन प्रोडक्ट अलग प्रकार से बैंचमार्क किया गया है, तो बात कुछ अलग साबित हो सकती है। टी-बिल्स या सीडी की तुलना में रेपो रेट स्थिर होती है और इसका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है, जबकि टी बिल्स या सीडी मांग और आपूर्ति में मिसमैच के कारण अधिक उतार-चढ़ाव भरे हो सकते हैं। दूसरी तरफ, अक्तबूर, 2019 से पहले लिए गए होम लोन को इंटर्नल बैंचमार्क जैसे एमसीएलआर या बेस लेंडिंग रेट के साथ बैंचमार्क किया गया है जिन्हें रेपो-लिंक्ड रेट की तुलना में कम बार और कम पारदर्शिता के साथ रिसेट किया जा सकता है। इसलिए, आपको समान ब्याज दरों पर मिलने वाले दो लोन प्रोडक्ट्स के बीच के लोन बैंचमार्किंग सिस्टम में अंतर को जरूर समझ लेना चाहिए।
बैंकों द्वारा अपनी अंडरलाईंग एक्स्ट्रनल बैंचमार्क-आधारित लैंडिंग दरों (ईबीएलआर) के अलावा जोखिम प्रीमियम चार्ज किए जाते है। हर बैंक द्वारा अपने ईबीएलआर को अंडरलाईंग बैंचमार्क (अधिकांश मामलों में रेपो रेट) पर जरूरी स्प्रैड को जोड़ने के बाद तय किया जाता है। इसके मायने हैं कि यदि मौजूदा रेपो रेट 4% है और बैंक का स्प्रैड 2.6% है, तो बैंक की ईबीएलआर 6.6% होगी। अब बैंकों द्वारा उधारकर्ता के लिए ब्याज दर को निर्धारित करने के लिए अपनी ईबीएलआर के अलावा क्रेडिट जोखिम प्रीमियम (सीआरपी) को भी चार्ज किया जा सकता है। जोखिम प्रीमिमय उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर, लोन की राशि, एलटीवी, लोन अवधि आदि पर निर्भर करता है। साथ ही, कभी कभी यह क्रेडिट जोखिम प्रीमियम उस समय बढ़ जाता है जब उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर लोन की अवधि के दौरान बहुत अधिक गिर जाता है, और जिसके परिणामस्वरूप उच्च ब्याज दर और ईएमआई बढ़ सकते हैं। लेकिन, कुछ बैंकों के क्रेडिट स्कोर स्लैब दूसरे बैंकों की तुलना में अधिक कंजर्वेटिव हो सकते हैं, जब वे अपने क्रेडिट जोखिम प्रीमियम की गणना करते हैं। इसलिए, आप ऐसा बैंक पसंद करना चाहेंगे जो क्रेडिट रेटिंग आकलन के लिए विस्तृत स्लैब पर विचार करता है और यदि क्रेडिट स्कोर लोअर स्लैब तक गिर जाता है, तो वे कम से कम प्रीमियम चार्ज करते हैं, फिर चाहे उनकी ब्याज दर समान ही क्यों नहीं बनी रहती है।
जब आप अपने होम लोन का समय से पहले भुगतान करते हैं, तो आपको उधारदाता के मानकों का पालन करना होगा। अधिकांश उधारदाता यह तय करते हैं कि आप कम से कम अपनी ईएमआई के बराबर प्री-पेमेंट भुगतान करें। कुछ चाहते हैं कि आप 200% तक प्री-पेमेंट भुगतान करें। लोन की पूरी अवधि के दौरान, समय से पहले उच्च आवश्यकता वाले लोन पर आपको अधिक ब्याज देना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आप समय से पहले छोटी राशि का भुगतान नहीं कर सकते हैं और आपको जरूरी भुगतान के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी तक आपको प्रतीक्षा करनी पड़ेगी, और इस प्रतीक्षा के कारण दूसरे लोन की तुलना में अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है जहां पर आप छोटी राशि का भुगतान कर सकते हैं और उस राशि पर ब्याज से बच सकते हैं।
होम लोन किसी उधारदाता के साथ एक लंबा रिश्ता होता है। आमतौर पर इसका भुगतान करने में अनेक वर्ष लग जाते हैं। इसलिए, भुगतान और अकाउंट मैनेज करने की आसानी पर भी विचार किया जाना चाहिए। समान दर की ऑफर करने वाले दो उधारदाता बैंको के बीच में ग्राहक सेवा की गुणवत्ता, डिजिटाईज़ेशन, एक्सेस करने की आसानी, और शाखा के समीप होने के संदर्भ में बहुत अधिक अंतर हो सकता है। उदाहरण के लिए, एक उधारदाता, आपको अपने अकाउंट को पूरी तरह से नेटबैंकिंग से मैनेज करने की अनुमति दे सकता है और दूसरा उधारदाता यह तय कर सकता है कि आपको विभिन्न कामों के लिए शाखा में आना पड़ेगा। महामारी के दौरान, डिजिटाइज्ड सेवाएं, जिन्हें आप घर से ही एक्सेस कर सकते हैं, उनको पसंद किया जाता है।
बैंक अपने होम लोन पर प्रोसेंसिंग फीस, दस्तावेज चार्ज, कानूनी फीस आदि भी चार्ज करते हैं। ये चार्ज अलग-अलग बैंकों के लिए भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। यदि दो बैंकों के बीच में ब्याज दर एक जैसी है, तो आपको लोन प्रोडक्ट्स की तुलना प्रोसेसिंग फीस, देरी से भुगतान की फीस, और अन्य चार्ज आदि के आधार पर करनी चाहिए और आप ऐसा बैंक पसंद करना चाहेंगे जो लोन पर न्यूनतम चार्ज लेता है। आप अपने विकल्पों का मूल्यांकन लोन प्रोसेंसिंग की सरलता, ग्राहक अनुभव, रेस्पोंसिव ग्राहक देखभाल, पारदर्शिता आदि के आधार पर भी कर सकते हैं।
अंत में, जब आप होम लोन की तुलना करते हैं, तो आपको आदर्श रूप से ऐसे उधारदाता को पसंद करना चाहिए जो अपने बैंचमार्क पर निम्न स्प्रैड ओवर चार्ज लेता है, या दूसरे शब्दों में, जिसकी ऑप्रेटिंग लागत कम है। इससे आपको कम से कम 3 वर्षों के लिए समान स्प्रैड की सुविधा मिल जाएगी; बाद मे, यदि बैंक अपना स्प्रैड बढ़ाता है, तो आप अपने लोन को दूसरे उधारदाता के लिए स्विच कर सकते हैं।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)
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